Union Home Minister and Minister of Cooperation Shri Amit Shah attends the Golden Jubilee celebration of IFFCO's Kalol branch in Gandhinagar, Gujarat, and lays the foundation stone of the Beej Anusandhan Kendra

Press | Apr 06, 2025

केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह आज गुजरात के गांधीनगर में IFFCO  की कलोल इकाई के स्वर्ण जयंती समारोह में शामिल हुए एवं बीज अनुसंधान केंद्र की स्थापना की


IFFCO की 50 वर्ष की गौरवशाली यात्रा यह बताती है कि जब कोओपरेटिव और कोर्पोरेट संस्कार मिलकर चलते हैं तो कैसे अद्भुत परिणाम मिलते हैं

आज भारत खाद्यान्न के क्षेत्र में आत्मनिर्भर है, इसमें IFFCO की महत्वपूर्ण भूमिका रही है

IFFCO ने नैनो यूरिया और नैनो डीएपी के क्षेत्र में पूरे विश्व में भारत के कोऑपरेटिव क्षेत्र की धाक जमाने का काम किया है

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने सहकारिता क्षेत्र में त्रिभुवन दास पटेल जी के योगदान को सम्मान देते हुए उनके नाम से सहकारी विश्वविद्यालय बनाया

सहकारी विश्वविद्यालय पैक्स से लेकर एपेक्स तक सहकारिता से जुड़े हर क्षेत्र में आधुनिक कोऑपरेटिव शिक्षा और पारदर्शिता लाने का काम करेगा

त्रिभुवन सहकारी विश्वविद्यालय सहकारिता क्षेत्र को AI जैसी आधुनिक तकनीक के उपयोग के साथ जोड़ेगा

आज IFFCO ने अपनी उत्पादन क्षमता इतनी बढ़ा ली है कि आज पूरी दुनिया में उसके उत्पाद जा रहे हैं

आज जिस बीज अनुसंधान केन्द्र की नींव रखी गई है, आने वाले समय में वह केन्द्र किसानों की समृद्धि को बढ़ाने वाला सिद्ध होगा

केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह आजगुजरात के गांधीनगर में IFFCO  की कलोल इकाई के स्वर्ण जयंती समारोह में शामिल हुए एवं बीज अनुसंधान केंद्र की स्थापनाकी। इस अवसर पर गुजरात के मुख्यमंत्री श्री भूपेन्द्रपटेल सहित अनेक गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।

अपने संबोधन में केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने कहा कि आज IFFCO  के कलोल प्लान्ट की स्वर्ण जयंती और बीज अनुसंधान केन्द्र का भूमिपूजन हुआ है। उन्होंने कहा कि IFFCO  के पचास वर्ष की गौरवशाली यात्रा ये दिखाती है कि जब कोओपरेटिव और कोर्पोरेट संस्कार मिलकर काम करते हैं तो कैसे अद्भुत परिणाम मिलते हैं। उन्होंने कहा कि IFFCO  ने रिसर्च-डेवलपमेन्ट, मार्केटिंग, ब्राडिंग और घर-घर तक पहुंच बनाने से संबंधित सभी काम बेहद कुशलता के साथ किए हैं। श्री शाह ने कहा कि आज भारत खाद्यान्न के क्षेत्र में आत्मनिर्भर है और इसमें IFFCO  की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। उन्होंने कहा कि IFFCO  ने देश के किसानों को फर्टिलाइजर के साथा जोड़ा और फिर फर्टिलाइजर को कोओपरेटिव के साथ जोड़ने का काम किया है। उन्होंने कहा कि IFFCO  आज पचास वर्ष की गौरवपूर्ण यात्रा पूरी कर गौरव के साथ खड़ा है। सहकारिता मंत्री ने विश्वास व्यक्त किया कि जब IFFCO  की शताब्दी मनायेंगे तब दुनियाभर की सहकारी संस्थाओं में IFFCO  का रुतबा बढ़ चुका होगा।


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श्री अमित शाह ने कहा कि IFFCO  ने अनेक प्रकार के रिसर्च एन्ड डेवलपमेन्ट के काम भी किये है। उन्होंने कहा कि जब IFFCO  के कलोल के कारखाने का भूमिपूजन हुआ उस जमाने में इसे एक बड़ी क्रांति माना गया था और जब समय बदला तब नेनो यूरिया, नेनो डीएपी, नेनौ लिक्विड, यूरिया, लिक्विड डीएपी आदि के लिए रिसर्च और प्रयोग करIFFCO  ने उत्पादन भी बढ़ाया। उन्होंने कहा कि IFFCO ने नैनो यूरिया और नैनो डीएपी के क्षेत्र में पूरे विश्व में भारत के कोऑपरेटिव क्षेत्र की धाक जमाने का काम किया है। उन्होंने कहा कि IFFCO  के नैनो यूरिया और नैनो डीएपी आज पूरी दुनिया में पहुंच रहे हैं। श्री शाह ने कहा कि IFFCO  ने अपनी क्षमता भी बढ़ाई है, किसान के खेत तक पहुंच भी बढ़ाई हैऔर सोध एवं अनुसंधान के माध्यम से प्रयोगशाला में होनेवाले प्रयोगों को खेत की जमीन तक पहुंचाने का काम किया है।

केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि आज यहां बीज अनुसंधान केन्द्र की भी स्थापना हुई है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने देश में हर क्षेत्र में कई नई शुरूआत की हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में सहकारिता मंत्रालय ने देश के सहकारिता क्षेत्र में लगभग 62 अभूतपूर्व पहल की हैं। उन्होंने कहा कि हाल ही में संसद ने त्रिभुवनसहकारी युनिवर्सिटी की स्थापना के लिए विधेयक को पारित किया है। श्री शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी जी ने देश के सहकारिता क्षेत्र में त्रिभुवन दास पटेल जी के योगदान को सम्मान देते हुए उनके नाम से यह सहकारी यूनिवर्सिटी बनाई है। श्री शाह ने कहा कि यह सहकारी यूनिवर्सिटी पैक्स से लेकर एपेक्स तकसहकारिता से जुड़े हर क्षेत्र में आधुनिक कोऑपरेटिव शिक्षाऔर पारदर्शिता लाने का काम करेगी। उन्होंने कहा कि ये यूनिवर्सिटी, पूरे देश के सहकारिता आंदोलन को AI जैसी आधुनिक तकनीक के उपयोग के साथ अनेक प्रकार के विश्लेषण और उनके आधार पर अगले 50 वर्षों की दिशा तय करने का काम करेगी।

श्री अमित शाह ने कहा कि आज IFFCO  ने बीज अनुसंधान केन्द्र की शुरूआत की है और IFFCO  का रिकार्ड है कि जो भी काम इसने हाथ में लिया है, उसे लॉजिकल एन्ड तक पहुंचाया है। उन्होंने कह कि यह बीज अनुसंधान केन्द्र भी हमारी जमीन में उत्पादकता बढ़ायेगा, उत्पाद को पोषक बनायेगा, कम पानी और कम खाद का उपयोग हो, बीजोंमें इस प्रकार का सुधार करेगा और हमारे हजारे सालों पुराने बीजोंके संरक्षण का काम भी यह केन्द्र करेगा। श्री शाह ने कहा कि जब 50 वर्ष पहले IFFCO  की नींव डाली गई थी तब किसी ने नहीं सोचा था कि IFFCO यहां तक पहुंचेगा। इसी प्रकार, आज जब बीज अनुसंधान केन्द्र की नींव रखी गई है तबयह केन्द्र भी हमारे किसानों की समृद्धि को बढ़ाने वाला सिद्ध होगा।


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केन्द्रीय सहकारिता मंत्री ने कहा कि हमारी सहकारी संस्थाओं को मजबूत बनाने के लिए प्राथमिक सहकारी समितियों और सहकारी डेयरियों को मजबूत बनाना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि इसके लिए कम्प्यूटराइजेशन, नई गतिविधियों के साथ प्राथमिक कृषि ऋण समितियों (PACS)को जोड़ना, डेयरियों के अर्थतंत्र का समावेशीकरण के पूरे चक्र को कोऑपरेटिव में शामिल करने का काम मोदी सरकार ने किया है। उन्होंने कहा कि आज

IFFCO , कंडला, कलोल, फूलपुर, आंवला औरपारादीप में तीन राज्यों में पांच स्थानों पर IFFCO  का उत्पादन होता हैऔर हम खाद के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बन गए हैं। श्री शाह ने कहा कि आज खाद उत्पादन क्षमता 90 लाख मीट्रिक टन है, बिक्री 110 लाख मीट्रिक टन है, टर्नओवर 40 हजार करोड़ रूपये है और 3200 करोड़ रूपए का मुनाफा हुआ है।

श्री अमित शाह ने कहा कि पिछले पचास सालों में केमिकल फर्टिलाइजर से नैनो फर्टिलाइजर और बायो फर्टिलाइजर तक की यात्रा IFFCO  के तत्वाधान में हुई है। उन्होंने कहा कि जब IFFCO  की स्थापना हुई तब फर्टिलाइजर में हमारा ध्यान बल्क एप्लीकेशन पर था लेकिन आज हमारा ध्यान टार्गेटेड और कंट्रोल रिलीज पर है, जिससे पोषक तत्व भी मिलेंगे और हमारी जमीन खराब भी नहीं होगी। उन्होंने कहा कि पहले हाई कॉस्ट और लो एफिशियन्सी और अब लो कॉस्ट और हाई एफिशियन्सी तक पहुंचने का काम IFFCO  ने किया है।


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केन्द्रीय सहकारिता मंत्री ने कहा कि नैनो यूरिया, नैनो डीएपी लिक्विड के साथ खाद डालने की जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा कि आज IFFCO ने अपनी उत्पादन क्षमता इतनी बढ़ा ली है कि आज पूरी दुनिया में IFFCO के उत्पाद जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि IFFCO  के पचास वर्ष, हमारी खेती, अनाजउत्पादन, ग्रामीण अर्थतंत्र और किसानों की समृद्धि को समर्पित रहे हैं। इसी प्रकार IFFCO  के आगामी पचास वर्ष से सौ वर्षों तक की यात्रा खेती को आधुनिक, सबसे ज्यादा उत्पादक बनाकर, अपनी खेती की जमीन का सरंक्षण करने और पर्यावरण को बचाने के चार और उदेश्यों के साथ पूरी होगी।


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