Union Home Minister and Minister of Cooperation Shri Amit Shah addressed the program of ‘Distributing Store Codes for Operation of Pradhan Mantri Bharatiya Jan Aushadhi Kendra to PACS of 5 States’ in New Delhi

Press | Jan 08, 2024

केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने आज नई दिल्ली में ‘5 राज्यों के PACS को प्रधानमंत्री भारतीय जन-औषधि केंद्र के संचालन के लिए स्टोर कोड वितरित करने के कार्यक्रम को संबोधित किया


प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने जेनरिक दवाओं की व्यवस्था को स्ट्रीमलाइन कर भारतीय जन-औषधि केंद्र के माध्यम से 60 करोड़ गरीबों तक दवाइयाँ उपलब्ध करवाई

मोदी जी की गारंटी को सार्थक करने के लिए देश की 2373 PACS को जन औषधि केंद्र के रूप में स्थापित किया जा रहा है

अब PACS के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्र के गरीबों और किसानों के लिए भी सस्ती एवं गुणवत्तापूर्ण दवाएं उपलब्ध होंगी

सहकारिता और स्वास्थ्य का यह संगम, समृद्धि और अच्छे स्वास्थ्य का संगम है

PACS के बिना सहकारिता का खाका नहीं बन सकता, सहकारिता मंत्रालय 2 लाख नए PACS बनाकर हर पंचायत तक PACS पहुंचाएगा

हमें 2047 तक गरीब से गरीब व्यक्ति को सहकारिता के माध्यम से समृद्ध बनाने के मोदी जी के स्वप्न को पूरा करने के संकल्प को लेकर आगे बढ़ना है

मोदी जी के नेतृत्व में प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि केंद्रों के माध्यम से देश के गरीबों की 25,000 करोड़ रुपए से अधिक की बचत हुई है

अगले 3 वर्षों में PACS के पास होगी विश्व की सबसे बड़ी भंडारण क्षमता

वर्तमान में 28 हजार PACS, CSC के रूप में काम कर भारत सरकार की 300 से अधिक सेवाओं को जनता तक पहुंचा रहे हैं

मोदी जी ने आयुष, प्राकृतिक खेती और ऑर्गेनिक उत्पादों, तीनों को जोड़ विश्व को दवाई के बिना जीवन जीने का नया भारतीय मॉडल दिया है


केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने आज नई दिल्ली में 5 राज्यों के PACS को प्रधानमंत्री भारतीय जन-औषधि केंद्र के संचालन के लिए स्टोर कोड वितरित करने के कार्यक्रम को संबोधित किया। इस अवसर पर केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण तथा रसायन एवं उवर्रक मंत्री श्री मनसुख मांडविया, सहकारिता राज्य मंत्री श्री बी एल वर्मा सहित कई अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।  



महासंगोष्ठी को संबोधित करते हुए श्री अमित शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में तय किया गया है कि प्राथमिक कृषि ऋण समितियों (PACS) को अन्य कामों में जोड़कर उन्हें आर्थिक रूप से मजबूत किया जाए और आज इसी उद्देश्य का विस्तार हो रहा है। उन्होंने कहा कि देश भर की 2373 PACS को सस्ती दवा की दुकान यानी जन औषधि केंद्र के रूप में स्थापित किया जा रहा है। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी की गारंटी को सार्थक करने के लिए यह कदम उठाया गया है। उन्होंने कहा कि जन औषधि केंद्र ज्यादातर शहरी क्षेत्रों में स्थित हैं, जिसकी वजह से केवल शहर के गरीबों को ही उनका फायदा मिलता था और उन्हें 10 रुपए से लेकर 30 रुपए तक सस्ती दवाएं मिलती थीं, मगर PACS के माध्यम से अब ग्रामीण क्षेत्र के गरीबों और किसानों के लिए भी सस्ती दवाइयां उपलब्ध होंगी।



केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि सालों से फार्मेसी के क्षेत्र में भारत विश्व में अग्रणी रहा और विगत 10 साल में प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने फार्मेसी के क्षेत्र में ढेर सारे सुधार किए और आज पूरे विश्व में भारत फार्मा क्षेत्र का एक विश्वस्त उत्पादक देश बन गया है। लेकिन एक विडंबना थी कि दुनिया भर को दवाएं भेजने वाले भारत में 60 करोड़ की आबादी ऐसी थी जिनके भाग्य में दवाएं नहीं थींक्योंकि दवाएं महंगी होने के कारण वे दवाएं खरीद ही नहीं पाते थे। लेकिन प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने जेनरिक दवाओं की व्यवस्था को स्ट्रीमलाइन कर भारतीय जन-औषधि केंद्र के माध्यम से 60 करोड़ गरीबों तक दवाइयाँ उपलब्ध करवाई। इससे ग्रामीण इलाकों में स्वास्थ्य के क्षेत्र में बहुत सुधार हुआ।



श्री अमित शाह ने कहा कि बीते नौ साल में जन औषधि केंद्रों के माध्यम से इस देश के गरीबों के लगभग 25,000 करोड़ रुपए की बचत हुई है। उन्होंने कहा कि सहकारिता क्षेत्र के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्र में अब जन औषधि केंद्रों की पहुंच बढ़ने जा रही है और आने वाले दिनों में ग्रामीण गरीबों को भी किफायती दरों पर गुणवत्तापूर्ण दवाएं उपलब्ध हो सकेंगी। उन्होंने खुशी जताई कि सहकारिता क्षेत्र इस पहल में माध्यम बनने जा रहा है।



केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि सहकारिता एवं स्वास्थ्य का यह संगम समृद्धि और अच्छे स्वास्थ्य का संगम है। उन्होंने कहा कि आज कई राज्यों में सहकारिता क्षेत्र के माध्यम से PACS की शुरुआत हुई है और लगभग 2300 प्राथमिक सहकारी समितियां गुजरातजम्मू—कश्मीरकर्नाटकमध्य प्रदेशमहाराष्ट्रतमिलनाडुपश्चिम बंगाल और नॉर्थ ईस्ट के राज्यों में ग्रामीण क्षेत्र में सस्ती दवाइयां पहुंचाने का काम कर रही हैं।


श्री अमित शाह ने कहा कि आज देश के विभिन्न हिस्सों से पांच PACS को सिंबॉलिक सर्टिफिकेट भी दिए गए जिसमें महाराष्ट्रबिहारजम्मू कश्मीरउत्तर प्रदेश और आंध्र प्रदेश शामिल हैं। उन्होंने कहा कि सहकारिता के विस्तार के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के यशस्वी नेतृत्व में सहकारिता मंत्रालय ने ढेर सारे काम किए हैं। इसके तहत 56 से ज्यादा पहलों के माध्यम से सहकारिता की पहुंच बढ़ाना और सहकारिता के माध्यम से गरीबों तक समृद्धि पहुंचाने का काम सहकारिता मंत्रालय ने किया है। उन्होंने कहा कि सहकारिता मंत्रालय 2 लाख नए PACS बनाकर हर पंचायत तक PACS पहुंचाएगा। श्री शाह ने कहा कि हमें वर्ष 2047 तक गरीब से गरीब व्यक्ति को सहकारिता के माध्यम से समृद्ध बनाने के मोदी जी के स्वप्न को पूरा करने के संकल्प को लेकर आगे बढ़ना है।


केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि PACS के आधार के बगैर सहकारिता का खाका तैयार नहीं हो सकता। उन्होंने कहा कि जब मंत्रालय ने 2 लाख नए PACS बनाने का निर्णय किया तब इस बात पर विचार—विमर्श हुआ कि आंदोलन क्यों पिछड़ गया और PACS क्यों बंद हो गए। इससे मीमांसा से यह बात निकल कर सामने आई कि PACS के बायलॉज में एग्रीकल्चर क्रेडिट के अलावा किसी अन्य काम को समाहित करने का प्रावधान ही नहीं था। इसलिए हमने सबसे पहले मॉडल बायलॉज बनाया और उसे सभी राज्यों को भेज कर व्यापक स्तर पर चर्चा की। आज देश के सभी PACS मॉडल बायलॉज को अपना चुके हैं। नए PACS भी मॉडल बायलॉज के तहत ही रजिस्टर हो रहे हैं।


श्री शाह ने कहा कि पहले बड़ी PACS मोटे तौर पर क्रेडिट एजेंसी का काम करते थेलेकिन अब पैक्सों को माइक्रो एटीएम और किसान क्रेडिट कार्ड के काम से भी जोड़ दिया गया है। अब पैक्सों में पशुपालन संवर्धन केंद्र और सीएससी भी खुल सकता है तथा रेलवे टिकट की बुकिंग भी हो सकती है।

केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि एलपीजी की डीलरशिप के लिए भी PACS को प्राथमिकता देने का निर्णय किया गया है। पेट्रोल पंप का काम करने में जो भी बाधाएं थींवह पेट्रोलियम मंत्रालय ने दूर कर दिया है। अब PACS भी पेट्रोल पंप का काम कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि हर घर नल से जल अभियान के व्यवस्थापन के लिए भी लगभग 27 राज्यों ने PACS को ऑथराइज कर दिया है। इसके साथ—साथ PACS सस्ती दवाओं की दुकानें और राशन की दुकानें भी चला पाएंगे। आज 35000 पैक्स देश में फर्टिलाइजर की डिस्ट्रीब्यूशनशिप से जुड़े हैं। हमने 22 अलग-अलग प्रकार के कामों को नए बायलॉज के अंतर्गत जोड़ने का काम किया हैजिसके कारण अब पैक्‍स बंद हो ही नहीं सकते और उन्हें ढेर सारा मुनाफा मिलेगा।


श्री अमित शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने जो प्रधानमंत्री स्टोरेज की व्यवस्था की है उससे बहुत कम पूंजी में पैक्‍स अब एक मॉडर्न गोदाम बना सकता है। इसके जरिए वे अपनी तहसील और राज्य का धान और गेहूं स्टोर करने का तो केंद्र बनेगा हीसाथ ही इससे किसानों को भी कुछ समय के लिए वहां अपनी उपज रखने की सहूलियत होगी। उन्होंने कहा कि आगामी सालों में देश की पैक्सों के पास विश्व की सबसे बड़ी भंडारण क्षमता होगी।


केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि 6 महीनों के अंतराल में 34 राज्यों और संघ शासित प्रदेशों से 4470 पैक्‍स के आवेदन मिले हैंजिनमें 2373 को पूरी मान्यता मिल गई है। इनमें से 248 पैक्स ने अपना काम चालू कर दिया है। उन्होंने कहा कि ढेर सारी चुनौतियों के बावजूद पैक्सों ने सिद्ध कर दिया है कि वह भी व्यापार कर सकते हैं।


श्री शाह ने कहा कि जन औषधि केंद्रों को लेकर सहकारिता मंत्रालय के सचिव के नेतृत्व में फार्मेसी काउंसिल आफ इंडियासभी राज्यों की फार्मेसी काउंसिल और सभी राज्य सरकारों के साथ कई दौर की बैठक हो चुकी है। 40 फील्ड ऑफिसर भी नामित किए जा चुके हैं जो इसे सुचारू रूप से संचालित करने में पैक्सों की सहायता करेंगे। उन्होंने कहा कि पैक्‍स के लिए ढेर सारे रिफॉर्म्स किए गए हैं। 84000 पैक्स मॉडल बायलॉज अपनाए गए हैं, 2516 करोड़ रुपए प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने पैक्सों के कंप्यूटराइजेशन के लिए दिए हैंजिसके माध्यम से सभी पैक्स 20 नए-नए प्रकार के काम करेंगे। 62000 पैक्‍स को कंप्यूटराइज करने का काम शुरू हो चुका है, 10080 में ट्रायल चल रहा है और 1800 पैक्स पूर्णतया कम्‍प्‍यूटराइज हो चुके हैं। उन्होंने कहा कि वर्तमान में 28 हजार PACS, CSC के रूप में काम कर भारत सरकार की 300 से अधिक सेवाओं को जनता तक पहुंचा रहे हैं। 


सहकारिता मंत्री श्री शाह ने महासंगोष्ठी में आए सभी पैक्‍स प्रतिनिधियों से अपील की कि वे बायलॉज का बारीक अभ्यास करेंभारत सरकार के सहकारिता मंत्रालय की हर योजना को वेबसाइट पर जाकर पढ़ें और इस तरह आगे बढ़ें कि हर पैक्स अपने गांव में ऊर्जा और विकास का केंद्र बन जाए।


श्री अमित शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने देश के लोगों के स्वास्थ्य के लिए ढेर सारे कार्यक्रम शुरू किए हैं। आयुष्मान भारत योजना जैसी योजना दुनिया में कहीं नहीं है। इसके तहत 60 करोड़ लोगों का 5 लाख तक का इलाज का पूरा खर्च भारत सरकार उठा रही है। इसके साथ-साथ मिशन इंद्रधनुष 130 करोड़ की आबादी में हर बच्चे को सभी प्रकार का टीका लगाने में सहायक साबित हो रहा है। जल जीवन मिशन के माध्यम से हर घर में फ्लोराइड रहित शुद्ध पीने का पानी पहुंचाने की योजना चल रही है। इसके अलावायोगआयुषफिट इंडिया जैसे कई प्रोग्राम के माध्यम से स्वच्छता और स्वास्थ्य के कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं। हर घर में शौचालय की व्यवस्था की गई है।


केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने आयुषप्राकृतिक खेती और ऑर्गेनिक उत्पादोंतीनों को जोड़ विश्व को दवाई के बिना जीवन जीने का नया भारतीय मॉडल दिया है। उन्होंने कहा कि देश का स्वास्थ्य बजट वर्ष 2014 में 33000 करोड़ रुपए का था। मोदी जी ने इसे बढ़ाकर 90000 करोड़ रूपया करने का काम किया है। इसके साथ-साथ प्रति व्यक्ति स्वास्थ्य पर जो खर्च होता था वह 1000 रुपए की जगह 2000 रुपए हो गया है। डिजिटल हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर पर 200 करोड़ रुपए खर्च किए जा रहे हैं जबकि पहले ऐसा कोई आवंटन होता ही नहीं था।


श्री शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजनाआयुष्मान योजनाप्रधानमंत्री हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर योजनाप्रधानमंत्री स्वास्थ्य सुरक्षा योजनानेशनल हेल्थ मिशनमलेरिया मुक्त भारतसार्वभौमिक टीकाकरण के लिए मिशन इंद्रधनुषटीबी उन्मूलन कार्यक्रममातृ वंदना योजनाजननी सुरक्षा योजनानेशनल मेंटल हेल्थ प्रोग्रामफिट इंडियाखेलो इंडिया और डायलिसिस प्रोग्राम जैसे ढेर सारे कार्यक्रमों का जाल बुनकर प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने गरीबोंखासकर बच्चों और किशोर—किशोरियों के स्वास्थ्य सुधार का काम किया है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री जन औषधि योजना के तहत आज जन औषधि केंद्रों की संख्या 10000 से ज्यादा हो गई हैजिनमें 2260 से ज्‍यादा दवाइयां और साधन मिलते हैं।


सहकारिता मंत्री ने कहा कि विश्व के फॉर्म क्षेत्र में जेनेरिक दवाइयांवैक्सीनसस्ती एचआईवी दवाएं विश्व में सप्लाई करने में भारत का पहला स्थान है। फार्मा और बायोटेक प्रोफेशनल तैयार करने में हम दूसरे नंबर पर हैं। दवा के ओवरऑल उत्पादन में भारत दुनिया में तीसरे नंबर पर है। उन्होंने विश्वास जताया कि वर्ष 2047 तक सभी क्षेत्रों में भारत दुनिया में नंबर एक बनेगा और प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी का आत्मनिर्भर भारत का सपना सिद्ध होगा। उन्होंने कहा कि भारत दुनिया को पहले 90145 करोड़ रुपए की दवाएं एक्सपोर्ट करता थालेकिन अब 183000 करोड रुपए की दवाओं का एक्सपोर्ट कर रहा है। उन्होंने कहा कि पूरी दुनिया में कई सारे देश वैक्सीन नहीं बना पाए थे लेकिन प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में हमारे वैज्ञानिकों ने न सिर्फ वैक्सीन बनाया बल्कि देश के हर गांव के गरीब से गरीब व्यक्ति तक वैक्सीन और सर्टिफिकेट दोनों पहुंचाए भी गए जिनसे कोरोना से बचाव हो सका।

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