Union Minister for Home and Cooperation, Shri Amit Shah presided over the 70th Plenary Meeting of the North Eastern Council in Guwahati, Assam

Press, Share | Oct 09, 2022

केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने आज असम के गुवाहाटी में पूर्वोत्तर परिषद की 70वीं पूर्ण बैठक की अध्यक्षता की

पूर्वोत्तर के विकास की राह में दशकों से तीन प्रमुख बाधाएं थीं- उग्रवादी समूहों द्वारा हिंसा, रेल, सड़क और हवाई संपर्क की कमी और पिछली सरकारों का पूर्वोत्तर के विकास पर थ्रस्ट ना होना

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में भारत सरकार ने पिछले 8 सालों में पूर्वोत्तर में शांति लाने, कनेक्टिविटी बढ़ाने और इस क्षेत्र के विकास को प्राथमिकता देने के लिए अनेक प्रयास किए हैं

पूर्वोत्तर की भाषा, संस्कृति, खानपान और वेशभूषा को पूरा भारत अपनी धरोहर मानता है और इस क्षेत्र की पहचान को बचाए रखने और इसके समवर्धन के लिए मोदी सरकार प्रयासरत है

पूर्वोत्तर की सभी समस्याओं के मूल को जानकर उनके निवारण के लिए मोदी सरकार ने अनेक प्रयास किए हैं

केन्द्रीय गृह मंत्री ने पूर्वोत्तर राज्यों के मुख्यमंत्रियों से बाढ़ नियंत्रण, सिंचाई, पर्यटन, वनीकरण और कृषि के लिए NESAC का भरपूर उपयोग करने का अनुरोध किया  

पूर्वोत्तर राज्यों के मुख्यमंत्री अपने राज्यों में NESAC के लिए एक नोडल अधिकारी नियुक्त करें जिससे इसका अधिकतम और बेहतर उपयोग हो सके

केन्द्र की नरेन्द्र मोदी सरकार का मानना है कि देश की सभी भाषाओं को साथ लेकर ही देश का सर्वागींण विकास संभव है और नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति में प्रावधान रखा गया है कि प्राथमिक शिक्षा मातृभाषा में ही होनी चाहिए

भारत की अर्थव्यवस्था को विश्व में दूसरे स्थान पर पहुंचाने में योगदान देने के लिए पूर्वोत्तर राज्यों द्वारा वित्तीय अनुशासन आवश्यक है

प्राकृतिक कृषि और डिजिटल कृषि को मोदी सरकार प्राथमिकता दे रही है और प्राकृतिक उत्पादों के प्रमाणन के लिए अमूल और 5 अन्य सहकारी समितियों को मिलाकर एक बहुराज्यीय सहकारी समिति बनाने पर काम हो रहा है

देशभर में 500 से अधिक प्रयोगशालाएं मिट्टी और प्राकृतिक उत्पादों की गुणवत्ता का प्रमाणन करेंगी

बाढ़मुक्त और नशामुक्त पूर्वोत्तर जैसे महत्वपूर्ण अभियानों के लिए मोदी सरकार प्रतिबद्ध है

पर्यावरण संरक्षण के लिए पूर्वोत्तर राज्यों को सिंगल यूज़ प्लास्टिक के उपयोग से मुक्त रखने का अनुरोध

हाइड्रो पावर प्लांट का उद्देश्य केवल ऊर्जा उत्पादन नहीं है, बल्कि इनका उपयोग बाढ़ की रोकथाम में भी किया जा सकता है, इलके अलावा 271 वेटलैंड्स के आदर्श उपयोग से बाढ़ रोकने में मदद मिल सकती है

 
 

केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने आज असम के गुवाहाटी में पूर्वोत्तर परिषद की 70वीं पूर्ण बैठक की अध्यक्षता की। बैठक में पूर्वोत्तर के राज्यों के राज्यपालों, मुख्यमंत्रियों, उत्तरपूर्वी मामलों के केन्द्रीय मंत्री श्री जी किशन रेड्डी, उत्तरपूर्वी मामलों के राज्यमंत्री श्री बी एल वर्मा सहित केन्द्र और पूर्वोत्तर के राज्यों के विभिन्न विभागों के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

 

 

अपने संबोधन में श्री अमित शाह ने कहा कि पूर्वोत्तर के विकास की राह में दशकों से तीन प्रमुख बाधाएं थीं- उग्रवादी समूहों द्वारा हिंसा और अशांति, पूर्वोत्तर में रेल, सड़क और हवाई संपर्क की कमी और पिछली सरकारों का पूर्वोत्तर के विकास पर थ्रस्ट ना देना। उन्होंने कहा कि पिछली सरकारों के लिए पूर्वोत्तर का विकास कभी प्राथमिकता नहीं रहा। लेकिन, प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में भारत सरकार ने पिछले 8 सालों में पूर्वोत्तर में शांति लाने, हर प्रकार की कनेक्टिविटी बढ़ाने और इस क्षेत्र के विकास को प्राथमिकता देने के लिए अनेक प्रयास किए हैं।

 

केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि देश के पूर्वोत्तर की भाषाओं, संस्कृतियों, खानपान और वेशभूषा को पूरा भारत अपनी धरोहर मानता है और इस क्षेत्र की नैसर्गिक पहचान को बचाए रखने और इसके संवर्धन के लिए मोदी सरकार हर तरह से प्रयासरत है। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने पिछले 8 वर्षों में पूर्वोत्तर की सभी समस्याओं के मूल को जानकर उनके निवारण के लिए अनेक प्रयास किए हैं।

 

श्री अमित शाह ने पूर्वोत्तर राज्यों के मुख्यमंत्रियों से बाढ़ नियंत्रण, सिंचाई, पर्यटन, वनीकरण और कृषि के लिए NESAC के आंकड़ों का भरपूर उपयोग करने और उनका फायदा उठाने का अनुरोध किया। उन्होंने कहा कि पूर्वोत्तर राज्यों के मुख्यमंत्री अपने राज्यों में NESAC के लिए एक नोडल अधिकारी नियुक्त करें जिससे इस मंच का अधिकतम और बेहतर उपयोग हो सके।

 

 

केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि केन्द्र की नरेन्द्र मोदी सरकार का मानना है कि देश की सभी भाषाओं को एकसाथ लेकर ही देश का सर्वागींण विकास संभव है और नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति में ये प्रावधान रखा गया है कि प्राथमिक शिक्षा मातृभाषा में ही होनी चाहिए।

 

श्री अमित शाह ने कहा कि भारत की अर्थव्यवस्था वर्तमान में विश्व में पांचवे स्थान पर है और इसे विश्व में दूसरे स्थान पर पहुंचाने में योगदान देने के लिए पूर्वोत्तर राज्यों द्वारा वित्तीय अनुशासन आवश्यक है। प्राकृतिक कृषि और डिजिटल खेती के महत्व पर प्रकाश डालते हुए श्री शाह ने कहा कि मोदी सरकार के लिए प्राकृतिक कृषि और डिजिटल कृषि प्राथमिकता का विषय हैं और प्राकृतिक उत्पादों के प्रमाणन के लिए अमूल और 5 अन्य सहकारी समितियों को मिलाकर एक बहुराज्यीय सहकारी समिति बनाने पर काम हो रहा है। उन्होंने कहा कि ये सहकारी समिति इन उत्पादों के प्रमाणन के बाद इनके निर्यात को भी सुनिश्चित करेगी जिससे इनसे होने वाली अधिक आय का मुनाफा सीधे किसानों के बैंक खातों में जाएगा। श्री शाह ने कहा कि देशभर में 500 से अधिक प्रयोगशालाएं मिट्टी और प्राकृतिक उत्पादों की गुणवत्ता का प्रमाणन करेंगी।

 

 

केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि बाढ़मुक्त और नशामुक्त पूर्वोत्तर जैसे महत्वपूर्ण अभियानों के लिए मोदी सरकार प्रतिबद्ध है। बाढ़ रोकने के उपायों पर श्री शाह ने कहा कि हाइड्रो पावर प्लांट का उद्देश्य केवल ऊर्जा उत्पादन नहीं है, बल्कि इनका उपयोग बाढ़ की रोकथाम में भी किया जा सकता है। इसके अलावा 271 वेटलैंड्स के आदर्श उपयोग से भी बाढ़ रोकने में मदद मिल सकती है। उन्होंने पर्यावरण संरक्षण के लिए पूर्वोत्तर राज्यों को सिंगल यूज़ प्लास्टिक के उपयोग से मुक्त रखने का अनुरोध किया।

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