Union Home and Cooperation Minister Shri Amit Shah addressed the Sahakar Sammelan - AGM of major cooperatives of Amreli district at Amreli, Gujarat.

Press, Share | Sep 11, 2022

केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने आज गुजरात के अमरेली में सहकार सम्मेलन- अमरेली ज़िले की प्रमुख सहकारी संस्थाओं की एजीएम को संबोधित किया

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने देश में सहकारिता आंदोलन को और मजबूत करने के लिए सहकारिता मंत्रालय बनाया और इसके माध्यम से देश के करोड़ों किसानों को समृद्ध बनाने का काम किया जा रहा है

1995 में किसानों को दिए जाने वाले ऋण पर 18% ब्याजदर को 3 लाख तक के ऋण पर शून्य करने का बड़ा काम करके मोदी जी नेये बताया कि जब किसान हितैषी सरकार आती है तब कैसा परिवर्तन आता है

आज प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में सौराष्ट्र की सभी डेयरियां बहुत अच्छे तरीक़े से चल रही हैं और हमारी बहनों को उनका पैसा मिल रहा है

गिर गाय की नस्ल को संवर्धित करने, उसका संरक्षण करने और उसमें सुधार करने के लिए एक केन्द्र भी अमरेली में बनने जा रहा है

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने प्राकृतिक खेती पर भी खासा जोर दिया है, ओर्गेनिक प्रोडक्ट हमारे देश और दुनियाभर के लोगों का स्वास्थ्य लाभ देंगे और किसानों को उपज का अच्छा रेट भी मिलेगा

ज्यादा उत्पादन देने वाले बीज बनाने के लिए भी हम मल्टीस्टेट को-ऑपरेटिव सोसायटी बनाने जा रहे हैं

इस वर्ष के बजट में सहकारी मंडियों पर लगने वाले वैकल्पिक कर को 18.5% से घटाकर 15% और सरचार्ज को 12% से घटाकर 7% किया गया

केन्द्र सरकार सहकारिता का एक राष्ट्रीय डेटाबेस भी बनाने पर काम कर रही है, पैक्स को बहुद्देश्यीय बनाने की दिशा में भी हम काम कर रहे हैं

प्राथमिक किसान मंडलियों और सेवा सहकारी मंडलियों का कम्प्यूटराईजेशन करके इन्हें जिले, राज्य और नाबार्ड के साथ जोड़ने का काम केन्द्र की मोदी सरकार ने किया है

आज देश में 65 हजार पैक्स (PACS) हैं और इस संख्या को पांच साल में 65 हजार से बढाकर 3 लाख किया जाएगा

पैक्स के कम्प्यूटराइज़ेशन के लिए मोदी सरकार ने लगभग 2516 करोड़ रूपए दिए हैं, सरकार एक नई सहकार नीति लाने पर भी काम कर रही है जो सहकारिता में हेल्थ, इन्श्योरेंस, ट्रांस्पोर्टेशन, पर्यटन आदि गतिविधियों को जोड़ेगी

 
 

केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने आज गुजरात के अमरेली में सहकार सम्मेलन- अमरेली ज़िले की प्रमुख सहकारी संस्थाओं की एजीएम को संबोधित किया। इस अवसर पर केन्द्रीय पशुपालन, डेयरी और मत्स्यपालन मंत्री श्री परषोत्तम रूपाला सहित अनेक गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।

 

 

अपने संबोधन में श्री अमित शाह ने कहा कि देश के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने सहकार से समृद्धि के कॉन्सेप्ट को देश के सामने रखने और इसके लिए सहकारिता मंत्रालय बनाकरदेश के करोड़ों किसानों को समृद्ध बनाने का एक नया प्रयास किया है। उन्होंने कहा कि सहकार का मतलब है साथ आना, साथ सोचना, साथ में संकल्प लेना और साथ में संकल्प की सिद्धि के लिए पुरुषार्थ करना।

 

देश के पहले सहकारिता मंत्री ने कहा कि अमरेली जिला मध्यस्थ सहकारी बेंक का 1995 से 2022 तक का इतिहास अगर देखें तो पता चलता है कि इतने वर्षों में इसका ग्राफ कभी नीचे नहीं गया बल्कि हमेशा ऊपर की ओर गया है। शुरू में इस बैंक का डिपॉज़िट जो 19 करोड था, उससे बढ़कर आज 1880 करोड़ हो गया है। 1995 में 32 करोड़ रूपए का वित्त पोषण किया था वहीं अब 1612 करोड़ रूपए का लोन दिया है। वर्किंग केपिटल 45 करोड रूपए से बढ़कर 2425 करोड़ रूपए और मुनाफ़ा 45 लाख रूपए से बढ़कर 27 करोड़ रूपए तक पहुंच गया है। उन्होंने कहा कि ये दिखाता है कि बैंक ने कितना अच्छा काम किया है। श्री शाह ने कहा कि 1995 में किसानों को दिए जाने वाले ऋण पर 18% ब्याजदर को 3 लाख तक के ऋण पर शून्य करने का बड़ा काम करके मोदी जी ने ये बताया कि जब किसान हितैषी सरकार आती है तब कैसा परिवर्तन आता है।

 

 

श्री अमित शाह ने कहा कि लगभग 1350 किसानों को भंडारण के लिए गोदाम बनाने के लिए लोन दिया गया है। 70 हजार किसानों को रुपे क्रेडिट कार्ड दिया है। उन्होंने कहा कि एक वक्त था जब गुजरात के सौराष्ट्र में दुग्ध उत्पादकों को नुक़सान उठाना पड़ता था क्योंकि उस समय सहकारी डेयरी नहीं थी। लेकिन आज प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में सौराष्ट्र की सभी डेयरियां बहुत अच्छे तरीक़े से चल रही हैं और हमारी बहनों को उनका पैसा मिल रहा है। 2002 में अमर डेयरी में 2500 लीटर दूध प्रोसेस होता था लेकिन आज 1,25,000 लीटर दूध यहां प्रोसेस हो रहा है। आज हर दस दिन में किसानों के बैंक खातों में 5 से 6 करोड़ रुपए सीधे जमा किए जाते हैं और इस प्रकार सालभर में 204 करोड़ रुपए किसानों के खातों में जमा किए जाते हैं और 18 करोड़ रुपए का लाभ होता है। श्री शाह ने कहा कि अब दूध के साथ-साथ मोदी जी मधुमक्खी पालन की योजना भी शुरू की है। भारत को दुनिया में मधु उत्पादन में भी नंबर वन बनाने की जरुरत है। गिर गाय की नस्ल को संवर्धित करने, उसका संरक्षण करने और उसके साथ-साथ उसमें अंदर सुधार करने के लिए एक केन्द्र भी अमरेली में बनने जा रहा है।

 

 

केन्द्रीय सहकारिता मंत्री ने कहा कि प्राथमिक किसान मंडलियों औरसेवा सहकारी मंडलियोंका कम्प्यूटराईजेशन करके इन्हें जिले, राज्य और नाबार्ड के साथ जोड़ने का काम केन्द्र की नरेन्द्र मोदी सरकार ने किया है। उन्होंने कहा कि आज 65 हजार पैक्स (PACS) हैंऔर हमने लक्ष्य रखा है कि इस संख्या को पांच साल में 65 हजार से बढाकर 3 लाख किया जाएगा और पैक्स बनाने का कार्यक्रम इसी वर्ष दिसम्बर माह से प्रारंभ होगा। श्री शाह ने कहा कि लगभग 2516 करोड़ रूपए पैक्स के कम्प्यूटराइज़ेशन के लिए मोदी सरकार ने दिए हैं। उन्होंने कहा कि सरकार एक नई सहकार नीति लाने पर भी काम कर रही है जो सहकारिता में हेल्थ, इन्श्योरेंस, ट्रांस्पोर्टेशन, पर्यटन आदि गतिविधियों को जोड़ेगी। वर्तमान ट्रेनिंग के इन्फ्रास्ट्रक्चर में सहकार नीति के साथ-साथ सहकार यूनिवर्सिटी बनाकर सभी तक ट्रेनिंग पहुंचाने का काम भी केन्द्र सरकार करने जा रही है और इसके लिए मोदी जी ने 55 करोड़ रुपए आवंटित किए हैं। इस वर्ष के बजट में सहकारी मंडियों पर लगने वाले वैकल्पिक कर को 18.5% से घटाकर 15% और सरचार्ज को 12% से घटाकर 7% किया गया। केन्द्र सरकार राष्ट्रीय सहकार डेटाबेस भी बनाने पर काम कर रही है। इसके अलावा भारत सरकार ने निर्णय लिया है कि एक कोऑपरेटिव डेटाबेस बनेगा, जिससे मंडलियों की संख्या और सेहत दोनों की जांच ऑनलाईन भारत सरकार कर सकेगी। उन्होंने कहा कि पैक्स को बहुद्देश्यीय बनाने की दिशा में भी हम काम कर रहे हैं जिससे इनमें मार्केटिंग, भंडारण, गोबर गैस, बिजली वितरण, गैस आदि गतिविधियां पैक्स को सौंपने की व्यवस्था होगी।

 

श्री अमित शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने प्राकृतिक खेती पर भी ख़ासा ज़ोर दिया है। ओर्गेनिक प्रोडक्ट हमारे देश और दुनियाभर के लोगों का स्वास्थ्य सुधारेंगे और किसानों को भाव भी ज्यादा मिलेगा। लेकिन इन उत्पादों के सर्टिफिकेशन के लिए हमने अमूल और अन्य पांच सहकारी संस्थाओं को मिलाकर एक मल्टीस्टेट को-ऑपरेटिव सोसायटी बनाने का निर्णय किया है जो देश के हर राज्य में लेबोरेटरी बनायेगी और वहां किसानों के खेतों की मिट्टी और का परीक्षण कर अमूल ऑर्गेनिक का सर्टिफ़िकेशन लगकर मुनाफा सीधे किसान के खाते में जमा हो जायेगा। इसके अलावा ज्यादा उत्पादन देनेवाले बीज बनाने के लिए भी हम मल्टीस्टेट को-ऑपरेटिव सोसायटी बनाने जा रहे हैं। आज दुनियाभरमें कृषि उपज के बहुत अच्छे भाव मिल रहे हैं, लेकिन किसानों और मंडलियों को इसका लाभ मिलने की व्यवस्था नहीं है। ये सारा मुनाफा बड़ी-बड़ी कंपनियां ले जा रही हैं, इसीलिए हम मल्टीस्टेट को-ऑपरेटिव सोसायटी बनाने जा रहे हैं।

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