Union Home Minister & Minister of Cooperation Shri Amit Shah paid tributes to late Prakash Singh Badal, former CM of Punjab

Share, Press | May 04, 2023

केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता श्री अमित शाह ने पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री एवं देश के बड़े नेता स्वर्गीय प्रकाश सिंह बदल के अंतिम अरदास में पहुँच कर श्रद्धांजलि दी

 

केंद्रीय गृहमंत्री एवं सहकारिता मंत्री और भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता श्री अमित शाह ने लम्बी गाँव में पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री एवं देश के बड़े नेता स्वर्गीय प्रकाश सिंह बादल के अंतिम अरदास की संगत में पहुँच कर श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने ‘वाहे गुरू जी की खालसा, वाहे गुरू जी की फतेह’ बोलकर अपने श्रद्धांजलि उद्बोधन की शुरुआत भी की और अंत भी।

 

सम्मानीय प्रकाश सिंह बादल साहेब अब हमारे बीच नहीं रहे। केवल पंजाब ही नहीं बाकि समग्र देश की राजनीति और सामाजिक नेतृत्व के क्षेत्र की अपूरणीय क्षति हुई है। बादल साहेब के जाने से जो शून्यता पैदा हुई है, उसे लंबे अरसे तक भरना हम सभी के लिए नामुमकिन है। बादल साहेब के जाने से सिख पंथ को बहुत नुकसान हुआ है। देश ने एक अपना एक देशभक्त बेटा खोया है। किसानों ने अपना सच्चा हमदर्द खोया है। देश ने ढेर सारे राजनीति के उच्च मानकों को सिद्ध करने वाला महापुरुष खोया है।

 

श्री शाह ने अपने दिल का उद्गार क्यक्त करते हुए कहा कि 70 साल के राजनीतिक जीवन के बाद सरदार प्रकाश सिंह बादल साहेब अब हमारे बीच नहीं हैं किंतु उनके पीछे कोई दुश्मन नहीं है। ऐसा अजातशत्रु जैसा जीवन बादल साहेब की तरह कोई नहीं जी सकता है। मैं कई बार बादल साहेब से मिला हूं। जब भी मिला, उनसे कुछ नया सीखा। जब भी उनसे मिला, मुझमें एक नई चेतना की प्राप्ति हुई। उन्होंने हमेशा सच्चा रास्ता दिखाने का काम किया। हम दोनों के दल अलग-अलग थे, किंतु उन्होंने वही कहा जो मेरे दल के लिए सही था। इतनी पारदर्शिता के साथ राजनीतिक जीवन में सलाह देना, उनके जैसे महामानव के अलावा कोई और नहीं कर सकता है।

 

सरदार प्रकाश सिंह बादल की खासियतों की चर्चा करते हुए केंद्रीय गृहमंत्री एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि बादल साहेब पंजाब के विधानसभा में लगातार और सबसे ज्यादा लंबे समय तक सदस्य रहे। बादल साहेब का भारत में चुनावी राजनीति में सबसे लंबे समय तक जन प्रतिनिधि रहने का रिकार्ड है। वे पांच बार पंजाब के मुख्यमंत्री बने। मैं पूरे विश्वास के साथ कह सकता हूँ कि सरदार प्रकश सिंह बादल ने नए पंजाब की नींव डाली है।

 

श्री शाह ने कहा कि सरदार प्रकाश सिंह बादल साहेब के जाने के बाद भाईचारा का सरदार चला गया। उन्होंने हिंदू-सिख एकता के लिए पूरा जीवन समर्पित कर दिया। राजनीति में कई विरोध झेलने के बावजूद बादल साहेब सबको एक साथ लेकर चलते थे। सुखवीर सिंह बादल जी बता रहे थे कि गांव में मंदिर भी प्रकाश सिंह बादल साहेब का बनाया हुआ है और गुरुद्वारा भी। साफ अर्थ में ऐसे व्यक्ति को दीया लेकर भी ढ़ूंढ़ेगे तो देश की राजनीतिक और सामाजिक जीवन में कभी भी नहीं मिलेगा।

 

राष्ट्र के प्रति समर्पित सरदार बादल साहेब को याद करते हुए केंद्रीय गृहमंत्री एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि 1970 से लेकर आज तक जब भी देश को जरूरत पड़ी, उन्होंने कभी पीठ नहीं दिखायी। सार्वजनिक जीवन में सबसे लंबा समय जेल के अंदर रहकर सिद्धांतों और पंथ के लिए संघर्ष करने वाला कोई व्यक्ति था तो वे सरदार प्रकाश सिंह बादल साहेब थे। 

 

अपने बचपन की बातों को याद करते हुए श्री शाह ने कहा कि सरदार प्रकाश सिंह बादल आपातकाल के विरोध में पंजाब में चट्टान की तरह डटे रहे। देश की रक्षा की बात हो, कारगिल युद्ध हो, कोई भी लड़ाई हो, आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई हो, सरदार बादल साहेब असमान की तरह ऊँचे व्यक्तित्व के रूप में ढाल की तरह देश हित में खड़े रहे। बादल साहेब का जाना देश के लिए बहुत बड़ी क्षति है। उनका जाना सिर्फ सरदार सुखवीर सिंह बादल या  बीबी हरजिंदर कौर जी के लिए ही नहीं, बल्कि पूरे देश के लिए क्षति है। मेरे जैसे सार्वजनिक जीवन के कार्यकर्ता के लिए भी अपूरणीय क्षति है।

 

पिता दशम गुरु से प्रार्थना करते हुए केंद्रीय गृहमंत्री एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि बादल साहेब के जीवन से हम सब प्रेरणा लें और उन्होंने जिस रास्ते पर चलने की प्रेरणा दी है, वाहे गुरु हम सबको उस रास्ते पर चलने की शक्ति दें। सुखवीर सिंह बादल जी और बीबी हरजिंदर बहन को इस अपूरणीय क्षति के लिए दिल की गहराइयों से दुःख व्यक्त करता हूं। उनके अनुयायियों के लिए जो क्षति हुई है, मैं उस पर गहरा दुःख व्यक्त करता हूँ। मैं अपनी ओर से, पार्टी की ओर से, देश की ओर से और भारत सरकार की ओर से श्रद्धांजलि अर्पित देता हूं। वाहे गुरु की खालसा और वाहे गुरु की फतेह।

 

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