Salient points of speech of Hon'ble Union Home Minister & Minister of Cooperation Shri Amit Shah while addressing a seminar on Modi@20 in Raipur, Chhattisgarh

Press, Share | Aug 27, 2022

केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता श्री अमित शाह जी द्वारा रायपुर, छत्तीसगढ़ मेंमोदी @20 पुस्तक पर आयोजित परिचर्चा में दिए गए उद्बोधन के मुख्य बिंदु

 

देश के हर व्यक्ति ने आदरणीय श्री नरेन्द्र मोदी जी को अपनी-अपनी नजर से देखा है। किसी ने उन्हें एक समाजसेवक की रूप में देखा है, किसी ने निर्णायक नेतृत्वकर्ता के रूप में, किसी ने भारतीय संस्कृति को विश्व में पहचान दिलाने वाले महान तपस्वी के रूप में तो किसी ने भारत माता के पुत्र के रूप में।

 

युवाओं को उनमें स्टार्ट-अप के लिए रास्ता दिखाने वाला मार्गदर्शक नजर आता है तो गरीबों को घर और उस घर में बिजली, पानी, गैस, शौचालय और आयुष्मान कार्ड उपलब्ध कराने वाला उद्धारक नजर आता है।

 

आदरणीय प्रधानमंत्री जी का जीवन स्व को छोड़ केवल और केवल दूसरों के बारे में सोचने वाला जीवन रहा है, उनका जीवन केवल और केवल भारत के पुनर्निर्माण के प्रति समर्पित है। जब भी देश का इतिहास लिखा जाएगा तो 2001 से 2022 तक आदरणीय श्री नरेन्द्र मोदी जी के 20 साल के सफ़र को स्वर्णाक्षरों में अंकित किया जाएगा।

 

आदरणीय प्रधानमंत्री जी के जीवन को लोगों के बीच ले जाने की जरूरत इसलिए है कि उनके जीवन से हमें अनंत ऊर्जा, प्रेरणा और मार्गदर्शन मिलता है। यदि देश के युवा उनके बताते रास्ते पर चल पड़ेंगे तो देश अपने आप समृद्धि के मार्ग पर अग्रसर हो जाएगा।

 

आजादी के 70 साल बाद देश के गरीबों को पहली बार इस बात का अनुभव हुआ कि गरीबों का अस्तित्व भी इस देश में है और उनकी भी सुनी जाती है। उन्होंने पहली बार केंद्र में गरीबों की चिंता करने वाली सरकार देखी।

 

आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ऐसे व्यक्तित्व हैं जो बुराई में से भी अच्छाई निकाल लेते हैं। वे एक आदर्शवादी नेता हैं। उनमें कार्यकर्ताओं के अच्छे गुणों को पहचानने की नैसर्गिक शक्ति है। ‘राष्ट्र प्रथम’ उनके जीवन का मंत्र ही नहीं है बल्कि उन्होंने इसे अपने जीवन में उतारा है।

 

आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व काल में दो बार देश के राष्ट्रपति पद के लिए प्रत्याशी चुनने का अवसर आया। पहली बार भाजपा ने एक गरीब दलित के घर जन्म लेने वाले बेटे श्री रामनाथ कोविंद जी को देश के राष्ट्रपति पद पर प्रतिष्ठित किया तो दूसरी बार जनजातियों में भी सबसे पिछड़ी जनजाति और गरीब घर की बेटी द्रौपदी मुर्मू जी को महामहिम द्रौपदी मुर्मू के सम्मान से नवाजा।

 

देश को पहली बार आदिवासी महिला राष्ट्रपति मिला और उनका जीवन भी इतना सादा, सरल और सौम्य है कि हमें सहज ही गर्व की अनुभूति होती है। एक गरीब आदिवासी महिला का देश के राष्ट्रपति पद पर आसीन होना देश में बहुत बड़े परिवर्तन का संकेत है।

 

छत्तीसगढ़ सहित समस्त देश के आदिवासी भाई-बहन गर्व का अनुभव कर रहे हैं। आजादी के 75 साल तक आदिवासी समुदाय से किसी को भी देश के राष्ट्रपति पद को सुशोभित करने का अवसर नहीं मिला, यह अवसर आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व काल में आया है।

 

जब श्री नरेन्द्र भाई मोदी जी गुजरात के मुख्यमंत्री थे, तब उन्होंने वनबंधु कल्याण योजना शुरू की थी जो जनजातीय कल्याण की एक महत्वपूर्ण योजना थी। व्यक्ति का विकास, गाँव का विकास, क्षेत्र का विकास और सुविधानों का विकास - ये इस योजना के चार प्रमुख स्तंभ थे।

 

नेता वही होता है जो इंसान पहले है और नेता बाद में। आदरणीय प्रधानमंत्री जी का जीवन एक खुली किताब है। वे अपने आप को प्रधान सेवक कहते हैं। वे जनता के लिए समर्पित राजर्षि हैं। नेता वही जिसका जीवन सादगी भरा हो। श्री नरेन्द्र मोदी जी ईमानदारी और सादगी की मिसाल हैं।

 

नेता वही जिसमें देश के भले के लिए साहसिक फैसले लेने की क्षमता हो। आदरणीय प्रधानमंत्री जी ने सर्जिकल और एयर स्ट्राइक करके दुनिया को दिखाया कि भारत अपनी सीमाओं की रक्षा के लिए किसी भी हद तक जा सकता है। वे ऐसे फैसले नहीं लेते जो लोगों को अच्छे लगें बल्कि वे फैसले लेते हैं जो आम नागरिकों के लिए अच्छे हों।

 

मॉर्निंग कंसल्ट के ताजा सर्वे में एक बार फिर स्पष्ट हो गया कि हमारे प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी दुनिया के सर्वाधिक लोकप्रिय नेता हैं। उनके सामने दूर-दूर तक कोई नहीं है।

 

नेता ऐसा होना चाहिए जिसके लिए देश सर्वोपरि हो। आदरणीय प्रधानमंत्री जी ने सारे फैसले देशहित में लिए। उन्होंने इसके लिए अपनी कुर्सी की भी परवाह नहीं की चाहे धारा 370 का उन्मूलन हो, भव्य श्री राम मंदिर का निर्माण हो, ट्रिपल तलाक की समाप्ति हो, जीएसटी का इम्प्लीमेंटेशन हो या वन रैंक-वन पेंशन हो।

 

गुरुदेव समर्थ स्वामी रामदास जी की ‘उपभोग शून्य स्वामी' की परिकल्पना को आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने चरितार्थ किया है।

 

विगत 8 वर्षों में आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में केंद्र की भारतीय जनता पार्टी सरकार ने वामपंथी उग्रवाद पर करारा प्रहार किया है। 2009 में वामपंथी उग्रवाद में देश में सबसे अधिक 2258 लोग मारे गए लेकिन 2021 में यह आंकड़ा घट कर केवल 509 रह गया है।

 

वामपंथी हिंसा की घटनाओं में लगभग 50%, इसके कारण मौतों के आंकड़े में 66% और सुरक्षा बलों की मृत्यु में 71% की कमी आई है जबकि वामपंथी उग्रवादियों दारा आत्मसमपर्ण में लगभग 140% की वृद्धि हुई है।

 

अब वामपंथी उग्रवाद देश के कुछ ही जिलों में सिमट कर रह गया है। आप छत्तीसगढ़ में भी सरकार बदल दीजिये, यहाँ से भी वामपंथी उग्रवाद ख़त्म हो जाएगा।

 

छत्तीसगढ़ के 30 जिले में बैंकों की लगभग 1253 शाखाएं खोली गई हैं। इन जिलों में लगभग 2343 मोबाइल टावर भी लगाए गए हैं। साथ ही, 2542 और मोबाइल टावर लगने वाले हैं। इन जिलों में लगभग 243 एकलव्य मॉडल स्कूल भी खोले गए हैं।

 

जब आदरणीय श्री नरेन्द्र भाई मोदी जी गुजरात के मुख्यमंत्री बने तो एनरॉलमेंट केवल 66% था और ड्रॉप आउट रेशियो लगभग 36% था। यह श्री नरेन्द्र भाई मोदी जी का कृतित्व ही था कि जब वे 2014 में देश के प्रधानमंत्री बने, तब गुजरात में एनरॉलमेंट 99% से अधिक था और ड्रॉप आउट रेशियो लगभग-लगभग शून्य हो गया था।

 

आज भारत मैन्युफेक्चरिंग और एक्सपोर्ट हब के रूप में स्थापित हो रहा है। आज दुनिया भारत को यूनिकॉर्न हब के रूप में जानती है। आजादी के 75 सालों में देश का निर्यात 2021-22 में सर्वाधिक रहा है।

 

आदरणीय प्रधानमंत्री जी ने लाल किले की प्राचीर से 2047 में विकसित भारत का लक्ष्य रखा है। हम सबको मिलकर इस लक्ष्य को प्राप्त करना है।

 

मेरा स्पष्ट मानना है कि जो देश रिसर्च एवं डेवलपमेंट नहीं करते, वे कभी भी विश्व में अपना स्थान मजबूत नहीं बना पाते। पहली बार भारत ने रिसर्च और डेवलपमेंट में इन्वेस्ट किया है।

 

आदरणीय श्री नरेन्द्र मोदी जी ने वर्षों बाद देश की मिट्टी की सुगंध से सुवासित नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति को लागू किया है जिसमें सभी भारतीय भाषाओं को महत्व दिया गया है। भारतीय भाषाओं का संरक्षण और संवर्धन बहुत जरूरी है।

 

आदरणीय प्रधानमंत्री जी जब संयुक्त राष्ट्र की महासभा में हिंदी में बोलते हैं, तिरक्कुरल को कोट करते हैं तो हृदय आनंद से भर उठता है।

 

जिस भारत की कल्पना आजादी के महान सेनानायकों ने की थी, वीर शहीदों ने की थी, उस महान भारत का निर्माण आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में हम अपनी आँखों के सामने बनता हुआ देख रहे हैं। हम सब इस महान परिवर्तन के गवाह हैं।

 

 

केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता श्री अमित शाह जी ने आज शनिवार को रायपुर, छत्तीसगढ़ मोदी @20 पुस्तक पर आयोजित परिचर्चा को संबोधित किया और देश के यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के जीवन से जुड़े विभिन्न आयामों से छत्तीसगढ़ की जनता को रू-ब-रू कराया। उन्होंने विस्तार से आदरणीय प्रधानमंत्री जी की सोच, उनकी निर्णय शक्ति, उनके अप्रोच, उनके संघर्ष और लक्ष्य के प्रति उनकी कर्तव्यनिष्ठा पर विस्तार से चर्चा की और उनके जीवन से देशवासियों को प्रेरणा लेने की अपील की। कार्यक्रम में प्रदेश भाजपा अध्यक्ष श्री अरुण साव, पूर्व मुख्यमंत्री एवं भाजपा के वरिष्ठ नेता डॉ रमन सिंह, पार्टी की राष्ट्रीय महासचिव एवं छत्तीसगढ़ की प्रभारी एवं डॉ डी पुरुंदेश्वरी, छत्तीसगढ़ के सह-प्रभारी श्री नितिन नवीन, केंद्रीय मंत्री श्रीमती रेणुका सिंह और श्री बृजमोहन अग्रवाल एवं श्री सुनील सोनी सहित कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।

 

श्री शाह ने कहा कि पहले गुजरात के मुख्यमंत्री और बाद में देश के प्रधानमंत्री के रूप में आदरणीय श्री नरेन्द्र मोदी जी के 20 वर्ष, सेवा, सुशासन और समर्पण के रहे हैं। समाज जीवन के विशिष्ट लोगों ने अपने अनुभवों को, आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के कृतित्वों को मोदी @20 पुस्तक में समाहित करने का प्रयास किया है। आज का यह कार्यक्रम छत्तीसगढ़ की जनता को इस पुस्तक से परिचय कराने के लिए आयोजित की गई है।

 

केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के बारे में बताने की कोई जरूरत नहीं है क्योंकि देश की जनता उनके दर्शन, उनके समर्पण एवं उनके जीवन के हर पहलू से अवगत है। देश के हर व्यक्ति ने आदरणीय श्री नरेन्द्र मोदी जी को अपनी-अपनी नजर से देखा है। किसी ने उन्हें एक समाजसेवक की रूप में देखा है तो किसी ने देश की सुरक्षा के प्रति कटिबद्ध एक दृढ़ इच्छाशक्ति वाले मजबूत नेतृत्वकर्ता के रूप में। किसी ने उन्हें भारतीय संस्कृति को विश्व में पहचान दिलाने वाले महान तपस्वी के रूप में देखा है तो किसी ने योग और भारत को सभी वैश्विक मंच पर प्रतिष्ठित करने वाले भारत माता के पुत्र में। युवाओं को उनमें स्टार्ट-अप के लिए रास्ता दिखाने वाला मार्गदर्शक नजर आता है तो किसी को उनमें गरीबों को घर और उस घर में बिजली, पानी, गैस, शौचालय और आयुष्मान कार्ड उपलब्ध कराने वाला गरीबों का उद्धारक दिखाई देता है।

 

श्री शाह ने कहा कि आदरणीय श्री नरेन्द्र मोदी जी के सार्वजनिक जीवन के 50 साल उर्ध्व गति से सोचने वाले एक सच्चे राष्ट्रभक्त का जीवन रहा है। उनका जीवन स्व को छोड़ केवल और केवल दूसरों के बारे में सोचने वाला जीवन रहा है, उनका जीवन केवल और केवल भारत माता को विश्वगुरु के पद पर प्रतिष्ठित करने वाला जीवन है। आदरणीय प्रधानमंत्री जी के जीवन को लोगों के बीच ले जाने की जरूरत इसलिए है कि उनके जीवन से हमें अनंत ऊर्जा, प्रेरणा और मार्गदर्शन मिलता है। यदि देश के युवा उनके बताते रास्ते पर चल पड़ेंगे तो देश अपने आप समृद्धि के मार्ग पर अग्रसर हो जाएगा।

 

आदरणीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि कई लोग मुझसे कहते हैं कि श्री नेरन्द्र भाई मोदी जी के देश के प्रधानमंत्री बनने के बाद देश में हर क्षेत्र में आमूल-चूल परिवर्तन आया। इसका कारण क्या है? मेरा मानना है कि इसके बहुत से कारण हैं। आजादी के 70 साल बाद देश के गरीबों को पहली बार इस बात का अनुभव हुआ कि गरीबों का अस्तित्व भी इस देश में है और उनकी भी सुनी जाती है। उन्हें पहली बार अहसास हुआ कि केंद्र में गरीबों की चिंता करने वाली सरकार हैं। देश के लगभग 60 करोड़ लोगों के जीवन में उत्थान पिछले 8 वर्षों में श्री नरेन्द्र मोदी जी की सरकार में हुआ है। आजादी के 70 साल बाद गरीबों को घर मिला, उन घरों में बिजली, पानी, गैस और शौचालय पहुंचा। पहले गरीबों के बारे में बात ज्यादा होती थी, काम कुछ भी नहीं होता था। श्री नरेन्द्र मोदी सरकार में पहली बार गरीबों के जीवन में सार्थक परिवर्तन आया। कांग्रेस की सरकारों ने गरीबी हटाओ के नारे में लगाए, उनके नेताओं ने गरीबों के घर खाना भी खाया, इसके बल पर उन्होंने चुनाव भी जीते लेकिन गरीबी नहीं गई। गरीबों के जीवन स्तर को ऊपर उठाया तो आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने क्योंकि उन्होंने गरीबी को देखा है, गरीबी का अनुभव किया है और गरीबी को जीया है। उनके मन में शुरू से ही एक टीस थी कि जो दुःख मैंने अपने बाल्य काल में झेला, भारत का कोई बच्चा वह दुःख न झेले।

 

श्री शाह ने कहा कि आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ऐसे व्यक्तित्व हैं जो बुराई में से भी अच्छाई निकाल लेते हैं। वे एक आदर्शवादी नेता हैं। उनमें कार्यकर्ताओं के अच्छे गुणों को पहचानने की नैसर्गिक शक्ति है। वे बहुत अच्छे श्रोता हैं, ध्यान से सभी बातों को सुनते हैं और उनमें से अच्छी बातों को निकाल लेते हैं। ‘राष्ट्र प्रथम’ उनके जीवन का मंत्र ही नहीं है बल्कि उन्होंने इसे अपने जीवन में उतारा है। श्री नरेन्द्र मोदी जी एक कठोर प्रशासक भी हैं। योजनाओं को लागू करने में उनके जितना आग्रही व्यक्ति नहीं देखा। लाभार्थियों के हक़ की एक-एक पाई उन्होंने लाभार्थियों के एकाउंट में पहुंचाने के लिए डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर की पहल की। इसके लिए उन्होंने सबसे पहले जन-धन एकाउंट खोले। आदरणीय प्रधानमंत्री जी एक संवेदनशील व्यक्ति हैं। कोरोना के समय उनकी संवेदंशालता और समय के अनुसार साहसिक निर्णय लेने की शक्ति के बल पर भारत को स्वदेशी कोविड वैक्सीन का कवच मिला।

 

केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि कोविड की शुरुआत में दुनिया के बड़े-बड़े देशों को अपनी नहीं, भारत की चिंता थी कि भारत में कोरोना विकराल रूप धारण कर लेगा, काफी नुकसान होगा लेकिन आदरणीय प्रधानमंत्री जी की दूरदृष्टि और कोविड-प्रबंधन के बल पर आलम ऐसा हो गया कि वे भारत की सराहना करने को बाध्य हो गए और उन्हें अपनी चिंता सताने लगी। आदरणीय प्रधानमंत्री जी की प्रेरणा से हम उन गिने-चुने देशों में शामिल हुए जिन्होंने अपना कोविड टीका विकसित किया था। अब तक सवा दो सौ करोड़ वैक्सीन डोज एडमिनिस्टर किये जा चुके हैं। जहां दुनिया के कई देश अभी तक एक बार भी अपने नागरिकों को वैक्सीनेट नहीं कर पाए हैं, वहीं भारत अपने नागरिकों को तीसरा डोज दे रहा है। हमारी कोविन एप टेक्नोलॉजी को दुनिया के लगभग 170 देशों ने अंगीकार किया। ये बताता है कि जब देश का प्रधानमंत्री संवेदनशीलता से काम करता है, देश के एक-एक नागरिक की चिंता करता है तो नतीजे कैसे आते हैं।

 

श्री शाह ने कहा कि  2014 से पहले देश में 10 साल तक एक ऐसी सरकार थी जिस पर 12 लाख करोड़ रुपये के घपले-घोटाले के आरोप थे। 2004 के बाद से 2014 के लोक सभा चुनाव तक पूरे देश में निराशा और हताशा का माहौल फ़ैल गया था और जनता के मन में मल्टी-पार्टी डेमोक्रेटिक पार्लियामेंट्री सिस्टम पर से भरोसा उठने लगा था। आंतरिक और बाह्य सुरक्षा दोनों खतरे में थी और अर्थव्यस्था के सारे मानदंड नीचे की ओर जा रहे थे। दुनिया में भारत का सम्मान भी दाव पर लग गया था। ऐसी स्थिति में देश की जनता ने श्री नरेन्द्र मोदी जी में अपना विश्वास देखा और भारतीय जनता पार्टी को अपना समर्थन देते हुए श्री नरेन्द्र मोदी जी को देश के प्रधानमंत्री पद पर विराजमान किया। लेकिन, पिछले 8 वर्षों में हमने परिवर्तन की नई कहानी देखी है। देश की जनता का विश्वास लोकतंत्र में और बढ़ा है। आदरणीय प्रधानमंत्री जी का सबसे बड़ा योगदान यह है कि उन्होंने देश के 135 करोड़ नागरिकों के मन में लोकतंत्र के प्रति आस्था को गहरा किया है। आदरणीय श्री नरेन्द्र मोदी जी ने देश के लोकतंत्र के परिवारवाद, भ्रष्टाचार और तुष्टिकरण की राजनीति को ख़त्म किया है। उन्होंने परिवारवाद की जगह सुशासन और विकासवाद को राजनीति का आधार स्तंभ बनाया है। भ्रष्टाचार को उन्होंने नेस्तोनाबूद किया है। विपक्ष भी हमारी सरकार पर भ्रष्टाचार का एक भी आरोप नहीं लगा पाए हैं। आदरणीय प्रधानमंत्री जी ने वोटबैंक की राजनीति को भी समाप्त करने का महती कार्य किया है। इसकी जगह उन्होंने पॉलिटिक्स ऑफ़ परफॉरमेंस की राजनीति शुरू की है जिसके देश की जनता ने हाथों-हाथ लिया है। अब देश के नागरिकों को विश्वास हो चला है कि लोकतंत्र में अब जातिवाद, परिवारवाद, भ्रष्टाचार और तुष्टिकरण की तूती नहीं बोलती बल्कि जो परफॉर्म करता है, जनता उसी को चुनती है। आदरणीय प्रधानमंत्री जी ने सभी वर्गों को साथ लेकर सर्वस्पर्शी एवं सर्व-समावेशी विकास का एक नया अभियान शुरू किया है।

 

केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व काल में दो बार देश के राष्ट्रपति पद के लिए प्रत्याशी चुनने का अवसर आया। पहली बार आदरणीय प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में भाजपा ने एक गरीब दलित के घर जन्म लेने वाले बेटे श्री रामनाथ कोविंद जी को देश के राष्ट्रपति पद पर प्रतिष्ठित किया तो दूसरी बार जनजातियों में भी सबसे पिछड़ी जनजाति और गरीब घर की बेटी द्रौपदी मुर्मू जी को महामहिम द्रौपदी मुर्मू के सम्मान से नवाजा। देश को पहली बार आदिवासी महिला राष्ट्रपति मिला और उनका जीवन भी इतना सादा, सरल और सौम्य है कि हमें सहज ही गर्व की अनुभूति होती है। एक गरीब आदिवासी महिला का देश के राष्ट्रपति पद पर आसीन होना देश में बहुत बड़े परिवर्तन का संकेत है। छत्तीसगढ़ सहित समस्त देश के आदिवासी भाई-बहन गर्व का अनुभव कर रहे हैं। आजादी के 75 साल तक आदिवासी समुदाय से किसी को भी देश के राष्ट्रपति पद को सुशोभित करने का अवसर नहीं मिला, यह अवसर आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व काल में आया है।

 

श्री शाह ने आदरणीय श्री नरेन्द्र मोदी जी की आदिवासी कल्याण की सोच पर विस्तार से चर्चा करते हुए कहा कि जब श्री नरेन्द्र भाई मोदी जी गुजरात के मुख्यमंत्री थे, तब उन्होंने वनबंधु कल्याण योजना शुरू की थी जो जनजातीय कल्याण की एक महत्वपूर्ण योजना थी। व्यक्ति का विकास, गाँव का विकास, क्षेत्र का विकास और सुविधानों का विकास - ये इस योजना के चार प्रमुख स्तंभ थे। संविधान ने जनजातीय लोगों के लिए विकास का जो वादा किया था, उसे सही मायनों में शुरुआत पहली बार गुजरात में आदरणीय श्री नरेन्द्र भाई मोदी जी ने की थी।

 

केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि नेता वही होता है जो इंसान पहले है और नेता बाद में। आदरणीय प्रधानमंत्री जी का जीवन एक खुली किताब है। वे अपने आप को प्रधान सेवक कहते हैं। वे जनता के लिए समर्पित राजर्षि हैं। नेता वही जिसका जीवन सादगी भरा हो। श्री नरेन्द्र मोदी जी ईमानदारी और सादगी की मिसाल हैं। नेता वही जिसमें देश के भले के लिए साहसिक फैसले लेने की क्षमता हो। आदरणीय प्रधानमंत्री जी ने सर्जिकल और एयर स्ट्राइक करके दुनिया को दिखाया कि भारत अपनी सीमाओं की रक्षा के लिए किसी भी हद तक जा सकता है। वे ऐसे फैसले नहीं लेते जो लोगों को अच्छे लगें बल्कि वे फैसले लेते हैं जो आम नागरिकों के लिए अच्छे हों। जब भी आदरणीय प्रधानमंत्री जी कोई फैसले लेते हैं तो राहुल गाँधी सात-आठ ट्वीट कर देते हैं लेकिन जब जनता उन फैसलों पर अपनी मुहर लगाती हैं तो राहुल बाबा का मुंह लटक जाता है। नेता वो, जिसके प्रति जनता में सम्मान भाव हो। मैं इतना जरूर कह सकता हूँ कि लाल बहादुर शास्त्री जी के बाद केवल श्री नरेन्द्र मोदी जी ऐसे प्रधानमंत्री हैं जिनके एक आह्वान पर पूरा भारत एकजुट हो जाता है। इसकी बानगी हमने कई बार देखी है।

 

श्री शाह ने कहा कि मॉर्निंग कंसल्ट के ताजा सर्वे में एक बार फिर स्पष्ट हो गया कि हमारे प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी दुनिया के सर्वाधिक लोकप्रिय नेता हैं। उनके सामने दूर-दूर तक कोई नहीं है। नेता ऐसा होना चाहिए जिसके लिए देश सर्वोपरि हो। आदरणीय प्रधानमंत्री जी ने सारे फैसले देशहित में लिए। उन्होंने इसके लिए अपनी कुर्सी की भी परवाह नहीं की। धारा 370 का उन्मूलन हो, भव्य श्री राम मंदिर का निर्माण हो, ट्रिपल तलाक की समाप्ति हो, जीएसटी का इम्प्लीमेंटेशन हो, वन रैंक-वन पेंशन हो, गरीब कल्याण योजना हो, आत्मनिर्भर भारत का अभियान हो - उनके हर निर्णय में देश के विकास की स्पष्ट छाप नजर आती है।

 

केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि मैंने मैंने उन्हें एक कर्मठ कार्यकर्ता और स्वयंसेवक के रूप में अथक परिश्रम करते हुए देखा है। मैं आज दावे के साथ कह सकता हूँ कि प्रधानमंत्री बनने के बाद भी चुनाव में भाजपा के देश भर में किसी भी कार्यकर्ता से ज्यादा परिश्रम श्री नरेन्द्र मोदी जी के नाम का कार्यकर्ता करता है। वे एक भावुक राजनेता और निडर सेनापति हैं जिनके जीवन का क्षण-क्षण और शरीर का कण-कण राष्ट्र के विकास के प्रति समर्पित रहता है। जब छत्रपति शिवाजी महाराज का राज्याभिषेक हो रहा था तो शिवाजी महाराज जी ने गुरुदेव समर्थ स्वामी रामदास जी से पूछा था कि मेरे लिए एक वाक्य में उपदेश क्या है तो समर्थ रामदास जी ने उनसे कहा था कि तुम राजा बनने जा रहे हो, तुम्हारे पास हाथी, घोड़े, सोना, चांदी, खजाना, बड़े-बड़े राजमहल होंगे। उस वक्त एक बात हमेशा तुम्हें याद रखनी है कि तुम्हें उपभोग शून्य स्वामी बनना है। तुम स्वामी तो बनोगे लेकिन उपभोग तुम नहीं कर सकते क्योंकि उस पर जनता का हक़ है। मैंने आदरणीय श्री नरेन्द्र मोदी जी को बहुत ही नजदीक से देखा है। मैंने अपने पूरे जीवन में उनके जैसा फकीरी और सादगी से जीने वाला राजनेता नहीं देखा। गुरुदेव समर्थ स्वामी रामदास जी की ‘उपभोग शून्य स्वामी' की परिकल्पना को आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने चरितार्थ किया है।

 

श्री शाह ने कहा कि विगत 8 वर्षों में आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में केंद्र की भारतीय जनता पार्टी सरकार ने वामपंथी उग्रवाद पर करारा प्रहार किया है। 2009 में वामपंथी उग्रवाद में देश में सबसे अधिक 2258 लोग मारे गए लेकिन 2021 में यह आंकड़ा घट कर केवल 509 रह गया है। वामपंथी हिंसा की घटनाओं में लगभग 50%, इसके कारण मौतों के आंकड़े में लगभग 66% और सुरक्षा बलों की मृत्यु में लगभग 71% की कमी आई है जबकि वामपंथी उग्रवादियों दारा आत्मसमपर्ण में लगभग 140% की वृद्धि हुई है। अब वामपंथी उग्रवाद देश के कुछ ही जिलों में सिमट कर रह गया है। आप छत्तीसगढ़ में भी सरकार बदल दीजिये, यहाँ से भी वामपंथी उग्रवाद ख़त्म हो जाएगा।

 

केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि आदिवासी क्षेत्रों को विकास की मुख्यधारा से जोड़ा गया है। छत्तीसगढ़ के 30 जिले में बैंकों की लगभग 1253 शाखाएं खोली गई हैं। इन जिलों में लगभग 2343 मोबाइल टावर भी लगाए गए हैं। साथ ही, 2542 और मोबाइल टावर लगने वाले हैं। इन जिलों में लगभग 243 एकलव्य मॉडल स्कूल भी खोले गए हैं।

 

श्री शाह ने कहा कि जब आदरणीय श्री नरेन्द्र भाई मोदी जी गुजरात के मुख्यमंत्री थे तो दो चुनौतियाँ काफी प्रमुख थी जिसका मैं यहाँ जिक्र करना चाहूंगा। एक तो स्कूलों में एनरॉलमेंट को 100 प्रतिशत करना और दूसरा ड्रॉप आउट रेशियो को शून्य तक लाना। जब आदरणीय श्री नरेन्द्र भाई मोदी जी गुजरात के मुख्यमंत्री बने तो एनरॉलमेंट केवल 66% था और ड्रॉप आउट रेशियो लगभग 36% था। यह श्री नरेन्द्र भाई मोदी जी का कृतित्व ही था कि जब वे 2014 में देश के प्रधानमंत्री बने, तब गुजरात में एनरॉलमेंट 99% से अधिक था और ड्रॉप आउट रेशियो लगभग-लगभग शून्य हो गया था। उनके अथक प्रयासों से गुजरात में माता मृत्यु दर और बाल मृत्यु दर में भी भारी कमी आई।

 

केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में देश ने अनेक उपलब्धियां प्राप्त की है। आज भारत मैन्युफेक्चरिंग और एक्सपोर्ट हब के रूप में स्थापित हो रहा है। आज दुनिया भारत को यूनिकॉर्न हब के रूप में जानती है। आजादी के 75 सालों में देश का निर्यात किसी एक वर्ष में यदि सबसे अधिक रहा है तो वह 2021-22 में रहा है। भारत आज कृषि क्षेत्र में आत्मनिर्भर बना है। आदरणीय प्रधानमंत्री जी ने लाल किले की प्राचीर से 2047 में विकसित भारत का लक्ष्य रखा है। हम सबको मिलकर इस लक्ष्य को प्राप्त करना है। अर्थतंत्र के आंकड़ों में भी बहुत सुधार आया है।

 

श्री शाह ने कहा कि मेरा स्पष्ट मानना है कि जो देश रिसर्च एवं डेवलपमेंट नहीं करते, वे कभी भी विश्व में अपना स्थान मजबूत नहीं बना पाते। पहली बार भारत ने रिसर्च और डेवलपमेंट में इन्वेस्ट किया है। आदरणीय श्री नरेन्द्र मोदी जी ने वर्षों बाद देश की मिट्टी की सुगंध से सुवासित नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति को लागू किया है जिसमें सभी भारतीय भाषाओं को महत्व दिया गया है। भारतीय भाषाओं का संरक्षण और संवर्धन बहुत जरूरी है। आदरणीय प्रधानमंत्री जी हर वैश्विक मंच से भारत की भाषाओं को सम्मान देते हैं। वे जब संयुक्त राष्ट्र की महासभा में हिंदी में बोलते हैं, तिरक्कुरल को कोट करते हैं तो हृदय आनंद से भर उठता है। जिस भारत की कल्पना आजादी के महान सेनानायकों ने की थी, वीर शहीदों ने की थी, उस महान भारत का निर्माण आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में हम अपनी आँखों के सामने बनता हुआ देख रहे हैं। हम सब इस महान परिवर्तन के गवाह हैं। आगे जब भी देश का इतिहास लिखा जाएगा तो 2001 से 2022 तक आदरणीय श्री नरेन्द्र मोदी जी के 20 साल के सफ़र को स्वर्णाक्षरों में अंकित किया जाएगा।

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