HM Shri Amit Shah addressed the 57th Raising Day celebrations of Border Security Force in Jaisalmer, Rajasthan today

Press, Share | Dec 05, 2021

केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने आज राजस्थान के जैसलमेर में सीमा सुरक्षा बल के 57वें स्थापना दिवस समारोह को संबोधित किया

केन्द्रीय गृह मंत्री ने देश की सेवा में अपना सर्वोच्च बलिदान देने वाले शहीदों के परिजनों और सेवारत बीएसएफ़कर्मियों को बहादुरी के लिए पुलिस मेडल और उत्कृष्ट सेवा के लिए सेवारत और सेवानिवृत्त कर्मियों को राष्ट्रपति पुलिस पदक से सम्मानित किया

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी सीमाओं के प्रहरियों के प्रति हमेशा संवेदनशील रहे हैं

मोदी सरकार ने बीएसएफ की स्थापना के बाद पहली बार बीएसएफ का स्थापना दिवस देश के सीमावर्ती जिले में मनाने का निर्णय लिया है, इस परंपरा को हमें आगे भी जारी रखना चाहिए

ये स्थापना दिवस हमारी आज़ादी के अमृत महोत्सव के वर्ष का स्थापना दिवस है, माननीय प्रधानमंत्री जी ने इस वर्ष को आज़ादी के अमृत महोत्सव के रूप में मनाने का निर्णय किया है

आज़ादी के शताब्दी वर्ष तक 75 से सौ साल के बीच का कालखंड अमृत काल है और इस अमृत काल में यह तय करना है कि जब आज़ादी के सौ साल होंगे तब हर क्षेत्र में हम कहां खड़े होंगे

देशभर में सीमा सुरक्षा बल, पुलिस बलों और सीएपीएफ़ के 35 हज़ार से ज़्यादा जवानों ने अपना सर्वोच्च बलिदान दिया है और बीएसएफ़ इसमें सबसे आगे है क्योंकि सबसे कठिन सीमाओं की सुरक्षा का दायित्व बीएसएफ़ को दिया गया है

1965 के युद्ध के बाद बीएसएफ़ की स्थापना का निर्णय किया गया और आज ये दुनिया का सबसे बड़ा सीमाओं की रक्षा करने वाला बल है, किसी भी प्रकार के भौगोलिक परिवेश में सीमा सुरक्षा बल ने हर परिस्थिति में पराक्रम और उत्कृष्ट सेवा का परिचय दिया है

सेना और सीमा सुरक्षा बल ने एक साथ 1971 में लोंगेवाला में अदम्य साहस का परिचय देते हुए पूरी टैंक बटालियन को खदेड़ दिया था

भले ही दुश्मन संख्या में अधिक हो उनके पास आधुनिक हथियार हों, फिर भी विजयश्री उसी का वरण करती है जो साहस व वीरता के साथ देशभक्ति के जज्बे से प्रेरित होकर दुश्मन का सामना करता है

मानव जाति के इतिहास में वीरता को सम्मानित करने के लिए कोई पदक बना ही नहीं है, आपकी वीरता स्वयं में पूरे देश के लिए एक पदक है

अटल जी के समय में देश की सीमाओं के लिए एक महत्वपूर्ण फ़ैसला हुआ, एक देश, एक बल, यानी एक देश की सीमा पर एक ही बल होगा, उस समय बीएसएफ़ के लिए सबसे कठिन सीमाओं का चयन किया गया

4165 किलोमीटर लंबी बांग्लादेश सीमा और 3323 किलोमीटर लंबी पाकिस्तान सीमा की सुरक्षा सबसे कठिन है लेकिन 193 बटालियन और 2 लाख 65 हज़ार जवानों से ज़्यादा के इस बल ने इन सीमाओं की बहुत अच्छे से सुरक्षा की है

आयुष्मान योजना के तहत देश के सभी सीएपीएफ़ के जवानों और उनके परिवारों को एक कार्ड के माध्यम से पूर्ण स्वास्थ्य कवर दिया गया है, आज सभी परिजनों के लिए एक कार्ड देने का काम नरेंद्र मोदी जी ने किया है जिस से कार्ड स्वाइप करते ही आप 21 हजार से ज्यादा अस्पतालों में आप अपना और अपने परिजनों का बड़े से बड़ा इलाज बहुत अच्छे से करा सकते हो

केंद्रीय अनुग्रह राशि जो 35 लाख रूपए और 25 लाख रूपए की है वह भी अब एक महीने में शहीद के परिवार तक पहुंचा दी जाती है

कोरोना काल में हमारे सभी सीएपीएफ और देशभर के पुलिस बलों ने अपना एक मानवीय चेहरा पूरी दुनिया के सामने रखा है

हमारे अनगिनत साथी कोरोना में लोगों की सेवा करते करते खुद कोरोना ग्रस्त होकर उनकी मृत्यु भी हुई है, शांति काल हो या युद्ध काल हो, सीमा हो या सीमा के अंदर हो, सीमा सुरक्षा बल देश की जनता की सुरक्षा के लिए सदैव तत्पर है

 

सीमा सुरक्षा बल और हमारे सभी सीएपीएफ के जवानों ने मिलकर दो साल के अंदर लगभग ढाई करोड़ वृक्षों को न केवल बोने का काम किया है बल्कि उन्हें पूर्णतया सुरक्षित करते हुए शत-प्रतिशत वृक्ष बड़े हों, इसके लिए भी काम किया है

मोदी जी के नेतृत्व में 2014 से देश की सीमाओं की सुरक्षा को एक अलग प्रकार की गंभीरता से सरकार ने लिया है और जहां पर भी सीमा पर अतिक्रमण करने का प्रयास हुआ है, जहां जहां भी सीमा सुरक्षा बल या किसी सीएपीएफ के जवान पर हमले का प्रयास हुआ है, हमने तुरंत ही जवाबी कार्रवाई की है

जब उरी औरपुलवामा में हमला हुआ, उसी वक्त भारत सरकार ने मोदी जी के नेतृत्व में एक मजबूत निर्णय करते हुए एयर स्ट्राइक और सर्जिकल स्ट्राइक करके उसका जो जवाब दिया इसकी पूरी दुनिया प्रशंसा करती है

कोई भी देश तभी प्रगति कर सकता है और अपनी संस्कृति को प्रोत्साहित कर सकता है जब वह सुरक्षित हो और आप देश की सुरक्षा सुनिश्चित करने वाले जवान हैं और पूरा देश आप पर गर्व करता है

भारत सरकार के लिए मोदी जी के नेतृत्व में सीमा सुरक्षा का मतलब ही राष्ट्रीय सुरक्षा है

विश्व में उपलब्ध सर्वोच्च तकनीक आपकी और सीमा की सुरक्षा के लिए सीमा सुरक्षा बल को उपलब्ध कराई जाएगी और यह सरकार का कमिटमेंट है

ड्रोन के खतरे से निपटने औरड्रोन प्रतिरोध प्रणालियां बनाने के लिए सीमा सुरक्षा बल, एनएसजी और डीआरडीओ तीनों मिलकर प्रयास कर रहे हैं, कुछ ही समय में हम स्वदेशी ड्रोन को कंट्रोल करने वाली प्रतिरोध प्रणाली बनाने में सफल होंगे

सीमा सुरक्षा के लिए अच्छे इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए सड़क निर्माण का बजट 2008 से 2014 में लगभग 23000 करोड रूपएथा, 2014 से 2020 तक नरेंद्र मोदी जी के प्रधानमंत्री बनने के बाद इसे बढ़ाकर 44600 करोड़ रूपए किया गया है, यही बताता है कि सीमा सुरक्षा के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर पूरा करने के लिए नरेंद्र मोदी सरकार कटिबद्ध है

हमारी सीमाएं जितनी सुरक्षित होंगी, सीमावर्ती क्षेत्र भी उतना ही सुरक्षित होगा,  सीमावर्ती क्षेत्र के भाइयों बहनों के लिए, वहां के नागरिकों के लिए ढेर सारी योजनाएं नरेंद्र मोदी सरकार ने बनाई हैं

मेरा बीएसएफ के सभी जवानों से आग्रह है कि आप सीमा की सुरक्षा के साथ-साथ जब समय मिले तब डिस्ट्रिक्ट कलेक्टर के साथ चर्चा करके सरकार की गरीब कल्याण की योजनाओं का लाभ सीमा पर रह रहे लोगों को मिल रहा है या नहीं इसका भी ध्यान रखें

सीमावर्ती क्षेत्र में रह रहे नागरिकों के साथ संबंध और संवाद स्थापित कर हम देश की सीमाओं की सुरक्षा का एक मजबूत चक्र बना सकते हैं

 

 

 

                                 

केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने आज राजस्थान के जैसलमेर में सीमा सुरक्षा बल के 57वें स्थापना दिवस समारोह को संबोधित किया। केन्द्रीय गृह मंत्री ने देश की सेवा में अपना सर्वोच्च बलिदान देने वाले शहीदों के परिजनों और सेवारत बीएसएफ़कर्मियों को बहादुरी के लिए पुलिस मेडल और उत्कृष्ट सेवा के लिए सेवारत और सेवानिवृत्त कर्मियों को राष्ट्रपति पुलिस पदक से सम्मानित किया। इस अवसर पर केन्द्रीय मंत्री श्री गजेन्द्र सिंह शेखावत और सीमा सुरक्षा बल के महानिदेशक भी उपस्थित थे।

 

 

इस अवसर पर केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि मोदी सरकार ने 1965 में बीएसएफ की स्थापना के बाद पहली बार बीएसएफ का स्थापना दिवस देश के सीमावर्ती जिले में मनाने का निर्णय लिया है और इस परंपरा को हमें आगे भी जारी रखना चाहिए। उन्होंने कहा कि ये स्थापना दिवस हमारी आज़ादी के अमृत महोत्सव के वर्ष का स्थापना दिवस है। आज़ादी मिले हुए 75 वर्ष हो गए हैं और माननीय प्रधानमंत्री जी ने इस वर्ष को आज़ादी के अमृत महोत्सव के रूप में मनाने का निर्णय किया है। आज़ादी के शताब्दी वर्ष तक 75 से सौ साल के बीच का कालखंड अमृत काल है और इस अमृत काल में यह तय करना है कि जब आज़ादी के सौ साल होंगे तब हर क्षेत्र में हम कहां खड़े होंगे।

श्री अमित शाह ने कहा कि देशभर में सीमा सुरक्षा बल, पुलिस बलों और सीएपीएफ़ के 35 हज़ार से ज़्यादा जवानों ने अपना सर्वोच्च बलिदान दिया है और बीएसएफ़ इसमें सबसे आगे है क्योंकि सबसे कठिन सीमाओं की सुरक्षा का दायित्व बीएसएफ़ को दिया गया है। मैं उन सभी शहीद दिवंगत वीर जवानों को पूरे देश और देश के प्रधानमंत्री जी की ओर से विनम्र श्रद्धांजलि देना चाहता हूं। सीमा सुरक्षा बल का बहुत गौरवपूर्ण इतिहास है। 1965 के युद्ध के बाद इसकी स्थापना का निर्णय किया गया और आज ये दुनिया का सबसे बड़ा सीमाओं की रक्षा करने वाला बल है। पहाड़, रेगिस्तान, जंगल और किसी भी प्रकार का भौगोलिक परिवेश हो, सीमा सुरक्षा बल ने हर परिस्थिति में पराक्रम और उत्कृष्ट सेवा का परिचय दिया है। सेना और सीमा सुरक्षा बल ने एकसाथ 1971 में लोंगेवाला में अदम्य साहस का परिचय देते हुए पूरी टैंक बटालियन को खदेड़ दिया था। भले ही दुश्मन संख्या में अधिक हों, उनके पास आधुनिक हथियार हों, फिर भी विजयश्री उसी का वरण करती है जो साहस व वीरता के साथ देशभक्ति के जज्बे से प्रेरित होकर दुश्मन का सामना करता है।

 

श्री अमित शाह ने कहा कि सीमा सुरक्षा बल को मिले अनगिनत वीरता पदक और पुलिस मेडल आपके सीमा सुरक्षा में अद्वितीय बल होने का साक्षी हैं। मानव जाति के इतिहास में वीरता को सम्मानित करने के लिए कोई पदक बना ही नहीं है, आपकी वीरता स्वयं में पूरे देश के लिए एक पदक है। राष्ट्रपति जी और प्रधानमंत्री जी द्वारा दिए गए ये पदक सिर्फ़ उन जवानों के लिए नहीं हैं बल्कि बीएसएफ़ की समस्त 2 लाख 65 हज़ार संख्या के लिए हमेशा प्रेरणस्त्रोत रहेंगे। अटल जी के समय में देश की सीमाओं के लिए एक महत्वपूर्ण फ़ैसला हुआ, एक देश, एक बल, यानी एक देश की सीमा पर एक ही बल होगा। उस समय बीएसएफ़ के लिए सबसे कठिन सीमाओं का चयन किया गया, जो उचित ही है। 4165 किलोमीटर की बांग्लादेश सीमा और 3323 किलोमीटर लंबी पाकिस्तान सीमा। इन दोनों सीमाओं की सुरक्षा सबसे कठिन होती है लेकिन 193 बटालियन और 2 लाख 65 हज़ार जवानों से ज़्यादा के इस बल ने इन सीमाओं की बहुत अच्छे से सुरक्षा की है।

 

 

केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी सीमाओं के प्रहरियों के प्रति हमेशा संवेदनशील रहे हैं। आयुष्मान योजना के तहत देश के सभी सीएपीएफ़ के जवानों और उनके परिवारों को एक कार्ड के माध्यम से पूर्ण स्वास्थ्य कवर दिया गया है। आज सभी परिजनों के लिए एक कार्ड देने का काम नरेंद्र मोदी जी ने किया है जिस से कार्ड स्वाइप करते ही आप 21 हजार से ज्यादा अस्पतालों में आप अपना और अपने परिजनों का बड़े से बड़ा इलाज बहुत अच्छे से करा सकते हो। केंद्रीय अनुग्रह राशि जो 35 लाख रूपए और 25 लाख रूपए की है वह भी अब एक महीने में शहीद के परिवार तक पहुंचा दी जाती है। जब कोरोना काल आया तब हमारे सभी सीएपीएफ और देशभर के पुलिस बलों ने अपना एक मानवीय चेहरा पूरी दुनिया के सामने रखा है।  हमारे अगिनतसाथी कोरोना में लोगों की सेवा करते करते खुद कोरोना ग्रस्त होकर उनकी मृत्यु भी हुई है। शांति काल हो या युद्ध काल हो, सीमा हो या सीमा के अंदर हो, सीमा सुरक्षा बल देश की जनता की सुरक्षा के लिए सदैव तत्पर है।

श्री अमित शाह ने कहा किएक दूसरे पहलू पर भी मैं ध्यान दिलाना चाहता हूं कि सीमा सुरक्षा बल और हमारे सभी सीएपीएफ के जवानों ने मिलकर दो साल के अंदर लगभग ढाई करोड़ वृक्षों को न केवल बोने का काम किया है बल्कि उन्हें पूर्णतया सुरक्षित करते हुए शत-प्रतिशत वृक्ष बड़े हों, इसके लिए भी काम किया है। पहली बार वैज्ञानिक तरीके से सभी सीएपीएफ ने बल के हर एक जवान को एक वृक्ष से जोड़ते हुए यह वृक्ष लगाए हैं, इनकी चिंता भी हो रही है, रखरखाव भी हो रहा है और जो वृक्ष टिक पाते हैं, उनको फिर से लगाने का एक बहुत बड़ा आयोजन किया है। उन्होंने कहा कि मोदी जी के नेतृत्व में 2014 से देश की सीमाओं की सुरक्षा को एक अलग प्रकार की गंभीरता से सरकार ने लिया है और जहां पर भी सीमा पर अतिक्रमण करने का प्रयास हुआ है, जहां जहां भी सीमा सुरक्षा बल या किसी सीएपीएफ के जवान पर हमले का प्रयास हुआ है, हमने तुरंत ही जवाबी कार्रवाई की है।  हमारे जवानों और हमारी सीमाओं को कोई हल्के में नहीं ले सकता। जब उरी और पुलवामा में हमला हुआ, उसी वक्त भारत सरकार ने मोदी जी के नेतृत्व में एक मजबूत निर्णय करते हुए एयर स्ट्राइक और सर्जिकल स्ट्राइक करके उसका जो जवाब दिया इसकी पूरी दुनिया प्रशंसा करती है।

 

 

केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि कोई भी देश तभी प्रगति कर सकता है और अपनी संस्कृति को प्रोत्साहित कर सकता है जब वह सुरक्षित हो और आप देश की सुरक्षा सुनिश्चित करने वाले जवान हैं और पूरा देश आप पर गर्व करता है। भारत सरकार के लिए मोदी जी के नेतृत्व में सीमा सुरक्षा का मतलब ही राष्ट्रीय सुरक्षा है। आप सीमा की सुरक्षा कर रहे हैं और इसके साथ-साथ पूरे देश को सुरक्षित कर कर दुनिया में अपना स्थान सुनिश्चित करने के लिए एक अच्छा प्लेटफार्म देने का काम भी आप कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि विश्व में उपलब्ध सर्वोच्च तकनीक आपकी और सीमा की सुरक्षा के लिए सीमा सुरक्षा बल को उपलब्ध कराई जाएगी और यह सरकार का कमिटमेंट है और सरकार इस दिशा में काम कर रही है। ड्रोन के खतरे का भी जिक्र हुआ। ड्रोन के खतरे से निपटने और ड्रोन प्रतिरोध प्रणालियां बनाने के लिए सीमा सुरक्षा बल, एनएसजी और डीआरडीओ तीनों मिलकर प्रयास कर रहे हैं। कुछ ही समय में हम स्वदेशी ड्रोन को कंट्रोल करने वाली प्रतिरोध प्रणाली बनाने में सफल होंगे।

श्री अमित शाह ने कहा कि 50,000 जवानों की भर्ती का काम पूरा हो गया है और आगे भी हम इसको बढ़ाने के लिए निश्चित प्रयास करेंगे।सीमा की सुरक्षा के लिए अच्छे इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए सड़क निर्माण का जो बजट था वह 2008 से 2014 में लगभग 23000 करोड रूपए था लेकिन अब 2014 से 2020 तक नरेंद्र मोदी जी के प्रधानमंत्री बनने के बाद 23000 करोड से बढ़ाकर 44600 करोड़ रूपए कर दिया गया है। यही बताता है कि सीमा सुरक्षा के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर पूरा करने के लिए नरेंद्र मोदी सरकार कटिबद्ध है। उन्होंने कहा कि राजस्थान की लगभग 1070 किलोमीटर लंबी अंतर्राष्ट्रीय सीमा पर भारत माला प्रोजेक्ट से राजस्थान में सड़कों का जाल बिछाया जा रहा है। पूरे देश में भारत माला प्रोजेक्ट के तहत बनने वाली सड़कों से 24800 किलोमीटर सड़कें बनानी हैं। अटल सुरंग को राष्ट्र को समर्पित किया, 6 सालों से काम नहीं होता था और मोदी जी के समय में ही हुआ है। क्रिटिकल बॉर्डर प्रोजेक्ट हेतु भूमि अर्जन को आसान बनाने के लिए गृह मंत्रालय को भूमि अर्जन, पुनर्वास और पुनर्व्यवस्था का काम सरकार ने दिया है। उन्होंने कहा कि हमारी सीमाएं जितनी सुरक्षित होंगी, सीमावर्ती क्षेत्र भी उतना ही सुरक्षित होगा। सीमावर्ती क्षेत्र के भाइयों बहनों के लिए, वहां के नागरिकों के लिए ढेर सारी योजनाएं नरेंद्र मोदी सरकार ने बनाई हैं। मेरा बीएसएफ के सभी जवानों से एक आग्रह है कि आप सीमा की सुरक्षा के साथ-साथ जब समय मिले तब डिस्ट्रिक्ट कलेक्टर के साथ चर्चा करके सरकार की गरीब कल्याण की योजनाओं का लाभ सीमा पर रह रहे लोगों को मिल रहा है या नहीं इसका भी ध्यान रखें। आप सीमावर्ती क्षेत्र में रह रहे नागरिकों के साथ संबंध और संवाद स्थापित कर हम देश की सीमाओं की सुरक्षा का एक मजबूत चक्र बना सकते हैं।

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